रूसी साहित्य का इतिहास | Roosi Sahitya Ka Itihas

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Book Image : रूसी साहित्य का इतिहास  - Roosi Sahitya Ka Itihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इच्तौएबों इसी से पूर्व का दसी साहिएप ज इसकी प्रबंध रचना के तीत प्रबान अंग है । प्रघधम भाग ईगर का बिफल सप्रियान उसका बंदी होता ठघा रमसी सैनिकों की परा रूप है) द्वितीम भाग में कीव के शासक स्वितोस्छाब बा रूसी मूमि की रक्षा के किए एक्सा का आद्वान है। शीसर भाग में ईगर का कूद से शिकझ भागमा मौर स्वरेद्रा छौरना है । सोक-सर्थना से सम्बस्ध काबि से इसकौ रपनना में छोक-कास्प की कछारमक यृत्रिलयों का शहुह उपयोग किया है ५ मौशिएः जम-कास्य में अत्यधिक प्रचश्ित नकाराश्मक तुसनाओं का उपयाग हुआ है मौर युद्ध के चिज्र उसी प्रकार मंदिस दिये गये ई जैसे दि जल-काम्य दिस्रीना' में हौत है। प्रकृति पित्रथ में जत-जाम्प से इसका सबंध और भौ स्पप्ट हो जाता है। छोक- ढाम्प के समान इसमें भी प्रद्ृत्ति का अम्य पाजों जैंधछा जीबन है मौर बह उनसे सहानुभूति प्रकट करतौ है उनके साथ दुर्पख्षत होती है, हपित हती है जऔौर उनको संकट कौ सूचना देती है। जब ईयर बा अभियान एह होगा है तो उसे रोकने के किए सूर्य छिउ कर मंपकार द्वारा उसका मार्ग रिया है. रात शिश्सी हारा बिल्लाती है मौर जब ईगर बौदसे मागता है तो सूर्य जागाए में छूब अमकता है कठफोइबा पत्ती सही कौ मोर बा रास्ता दिलाता है शान नदौ अपनी रूइरों पर भुझाती है बौर बुशइर आर्गद के गीत गाती हैं। फिर भी 'ईगरए की संगा बा गीठ' जमता द्वारा रचित छाइ-जास्य भही है। यह एक ध्यद्ति कौ दृढि है सौर उस युय की एसौगत साहित्यिक पुछियों से समस्बित है । ईमर कौ पैसा का गीत बा प्राचीत रूसी साहिटय के शिकास पर ब्यापक भमाद पष्टा और मदीन झसौ साहिस्प जित्र तया आपेरा मादि में इमफ्ा भरने दिया दया। रदौइस्येग पुल, साटझकार अस्त्रांबस्की अपर इशसे शहल पन्राओिज का | सारीबनसक्ता अेिि> २ ५ ३.3 . 5.




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