शक्ति स्वरुप एवं शाक्त सिद्धान्त का समीक्षात्मक अध्ययन | Shakti Swaroop Avam Shakt Siddhant Ka Samikshatmak Addhyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
187.06 MB
कुल पष्ठ :
408
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)लियां । पुराणों के अन्दर यह चण्डी के रूप में प्रकट होती है, जिसकी दैनिक पूजा का
विधान है और शरद तथा बसन्त ऋतु में जिसका उत्सव मनाया जाता हैं | देवी के रूप
ऐक्य भाव है, जो ब्रह्म परम
ग
' निरपेक्ष तत्व है और जिसका स्वरूप सार, चित्त तथा आनन्द हैं। अथ च जिसका पुमान,
स्त्री अथवा निर्गुण रूप में भी चिन्तन किया जा सकता है जैसा कि कहा गया है उन
डर क
हज
पुरुपां वा स्मरेदवेवीं स्त्रीरूपां वा विचिन्तयेत्
अथवा निष्कलां ध्यायेत् सच्चिदाननदलक्षणाम्
क्रमश: जगन्माता के रूप में उस शक्ति की पूजा ने वैदिक कर्मकाण्ड का
... स्थान ले लिया । हिन्दू धर्म के इस रूप में सम्बन्ध रखने वाले साहित्य को तन्त्र के नाम
न
से पुकारा जाता है। यह स्त्री जाति के प्रति आदर-भाव के लिए प्रसिद्ध है तथा स्त्रियों
. को देवी माता की प्रतिकृति करके मानता है | यथा -
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा:
_ स्त्रिय समस्ता: सकला जगत्सु
त्ववैकया पूरितमम्बवैतत्
2 1 भ श्र य
का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्त
से नपए 2 सागर. मिमी
जाता है कि शिव, विष्णु, गणेश, सूर्य ं
User Reviews
No Reviews | Add Yours...