प्राच्य एवं पाश्चात्य दर्शन के इतिहास में कारणता के सिद्धान्त का तुलनात्मक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन | Prachya Avam Pashchatya Darshan Ke Itihas Me Karanta Ke Siddhant Ka Tulnatmak Avam Vishleshnatmak Addhayan

Prachya Avam Pashchatya Darshan Ke Itihas Me Karanta Ke Siddhant Ka Tulnatmak Avam Vishleshnatmak Addhayan by अनन्त कुमार यादव - Anant Kumar Yadav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मीमासा से पूर्व प्राच्य एव पाश्चात्य दर्शनों मे कारणता विषयक मतो का ढॉचागत वर्गीकरण निम्न है - कारणता सिद्दान्त क्र सात पाश्चात्यमत मध्वाचार्य सत्कार्यवाद असत्कार्यवाद दिन सत्कार्यवाद असत्कारणवाद + ..... जैन कुमारिल.... वैभाषिक प्रभाकर मीमासा मीमासा सौतान्तिक विज्ञानवादी शून्यवादी सत्कार्यवाद चभाववाद आकस्मिकवाद परिणामवाद गण कर शकरोत्तर शकरपूर्व॑ शकर हतिपरिणामवाद ब्रह्मपरिणामवाद चिदचितृपरिणामवाद वशिष्ठ सुरेश्वर मध्वाचार्य ऊँ... गोडपाद नि साख्य योग विशिष्टादह्वैत (रामानुज) चित्सुख मध्वाचार्य.... द्वैताद्वैत (निम्बार्क) का शुद्धाहवैत (बल्लभ) अचिन्त्यभेदाभेद (चैतन्य) प्राचीनमत आधुनिक मत क्र क्र अरस्तू ह्यूम मिल और काण्ट आभास-सिद्धान्त नियमितता सि0 अनुलाग सि0 सक्रियता क्त क्र सी कफ इसके लिए देखे प्रस्तुत शोध प्रबन्ध का... ब्रेडले टेलर... ढर्ट्रैण्ड रसेल... एसी. ईविग कल उपसहार अध्याय




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