शक्ति स्वरुप एवं शाक्त सिद्धान्त का समीक्षात्मक अध्ययन | Shakti Swaroop Avam Shakt Siddhant Ka Samikshatmak Addhyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Shakti Swaroop Avam Shakt Siddhant Ka Samikshatmak Addhyan by मीना अवस्थी - Meena Awasthi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मीना अवस्थी - Meena Awasthi

Add Infomation AboutMeena Awasthi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
लियां । पुराणों के अन्दर यह चण्डी के रूप में प्रकट होती है, जिसकी दैनिक पूजा का विधान है और शरद तथा बसन्त ऋतु में जिसका उत्सव मनाया जाता हैं | देवी के रूप ऐक्य भाव है, जो ब्रह्म परम ग ' निरपेक्ष तत्व है और जिसका स्वरूप सार, चित्त तथा आनन्द हैं। अथ च जिसका पुमान, स्त्री अथवा निर्गुण रूप में भी चिन्तन किया जा सकता है जैसा कि कहा गया है उन डर क हज पुरुपां वा स्मरेदवेवीं स्त्रीरूपां वा विचिन्तयेत्‌ अथवा निष्कलां ध्यायेत्‌ सच्चिदाननदलक्षणाम्‌ क्रमश: जगन्माता के रूप में उस शक्ति की पूजा ने वैदिक कर्मकाण्ड का ... स्थान ले लिया । हिन्दू धर्म के इस रूप में सम्बन्ध रखने वाले साहित्य को तन्त्र के नाम न से पुकारा जाता है। यह स्त्री जाति के प्रति आदर-भाव के लिए प्रसिद्ध है तथा स्त्रियों . को देवी माता की प्रतिकृति करके मानता है | यथा - विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: _ स्त्रिय समस्ता: सकला जगत्सु त्ववैकया पूरितमम्बवैतत्‌ 2 1 भ श्र य का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्त से नपए 2 सागर. मिमी जाता है कि शिव, विष्णु, गणेश, सूर्य ं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now