श्रावकाचार संग्रह | Shravkachar Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
578
श्रेणी :
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No Information available about हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री - Heeralal Siddhantashastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विपय-सुची
सामायिक शिक्षाव्रतके अतीचारोंका निरूपण
प्रोषधोषवास शिक्षात्रतका वर्णन
प्रोषधोपवास शिक्षात्रतके अतीचारोंका वर्णन
अतिथि संविभाग शिक्षाब्रतका वर्णन
दाता और पात्रके तीन प्रकारोंका तथा कुपात्र और भअपात्रका वर्णन
दानके अयोग्य अन्तका निरूपण
पात्रदानके महान् प्रुण्यका वर्णन है
सल्लेखना धारण करनेका उपदेश और विधि-निरूपण
: सललेखतामरण आत्मघात नहीं, इस वातका सयुक्तिक निरूपण
सल्लेखनाके अतीचारोंका निरूपण
- सप्त व्यसनोंके दोषोंका दिग्दर्शन और उन्तके त्यागका उपदेश
. २१. भव्यधर्मोपदेश उपासकाध्ययन
. मंगलाचरण और श्रावकाचार कहनेकी प्रतिज्ञा
- भरतक्षेत्रवर्ती दक्षिण देशस्थ आमह क नगरका वर्णन
: सज्जन-दुरजन जनोंके स्वभावोंका वर्णन
मगधदेदश, राजगृहनगर और श्रेणिक राजाका वर्णन
भगवान् महावीरका विपुलाचलूपर पदापंण और श्रेणिकका वन्दनार्थ गमन
वन्दनके पश्चात् इन्द्रभूति गणधरसे श्रावकधर्मका श्रवण
सम्यक्त्वका स्वरूप और उसक॑ दीर्षाका निरूपण
सम्यकत्वकी महिमाका वर्णन
: त्तीन मकार,-पाँच उदुम्बर फल एवं असयुक्त पुष्पादिके भक्षणका निषेध
, रात्रिभोजनके दोष वत्ताकर उसके त्यागका उपदेश
सप्त स्थानोंमें मौन धारण करनेका उपदेश
. चर्मपात्रस्थ घृत-तेलादि तथा कन्दमूलादि अभक्ष्योंके त्यागका उपदेश
संप्त व्यसनोंके सहष्टान्त दोष वताकर उन्तके त्यागका उपदेश
सप्त तत्व और नव पदार्थोंका निर्देश कर जीवत्तत््वका वर्णन
भजीवादि शेष त्तत्त्वोंका स्वरूप-निरूपण
जीवोंकी आयु, अवगाहना, कुल, योनि जादिका विस्तृत विवेचन
व्रत प्रतिमाके अन्तर्गत. श्रावकके बारह ब्रतोंका वर्णन
सामायिक प्रतिमाका स्वरूप-निरूपण करके उसके दोधोंका वर्णन
' ध्यान, ध्याता, ध्येय और ध्यानके फलका वर्णन
' प्रोषधोपवास प्रतिमाका वर्णन
दान और पातन्न-अपात्रादिका निरूपण
जिनाल्लूयमें जिन-विम्व स्थापन करके उसके अभिषेक-पूजनादिका विधान
पूजन-अभिषेकादिको सावद्यरूप वतानेवालोंके लिए खरा उत्तर
सचित्त त्याग आदि प्रतिमाओंका संक्षिप्त वर्णन
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