खुली खिड़कियाँ चौड़े रास्ते | Khuli Khidkiyan Chode Raste

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Khuli Khidkiyan Chode Raste by कन्हैयालाल सेठिया - Kanhaiyalal Sethiya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(११ ) भ्रभाव चेतना तक पहुँचने का एक मात्र द्वार है, इसी के माध्यम से दीखता है जो वही श्रार पार है। तुम्हारी ग्रांखो में इसके प्रति जो तिरस्फार है, भ्रपन॑ प्रति जो प्रहकार है, यह भी इसे स्वीकार है। प्यो कि यह जानता है कि बोध तक पहुँचने का यह भी एक प्रकार है।




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