छान्दोग्य उपनिषद भाष्य भूमिका | Chhandogya Opnishad Bhashya Bhumika

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२ विषेयानुक्गणिका ॥ खण्डसंख्या, विषय. ह ई पशुद्र्टि से पल्चचिश् लामीपाखना बा ७ भाणादि दृष्टि से पश्चविध एलामोपासना 1४ घ चाक्दष्टि ले सप्तविध सामोपासना. जा है आदित्यदष्टि स्र सप्तविध सारपोपासना ५५ १० आदित्यरूप सतत्यु के अदार्थ/ सप्तविध सामोपालना'* ११ प्राण में गायत्र सामापासना| ओर वतोपदेश न १२ सप्नि में रथ्तर सामोपासँतना और क्तोपदेश .. *** १३. मिथुन में बामदेव्य सामो।एसना ओर ब्रतोपदेश *** १४. आदित्य में बृहत्सामोपार्ससता और अतोपदेश | ** १४. 'र्जन्य में बेरूए साम्रोपहासवा और ततोपदेश.*“* 1 तु में बेराज सामोपरौसना ,, ध्ञ १७ पृधिवी आदिक में शक्र् लाभोपालना और बतोपदेश ६... पशुओं में रेवती सामोपासना औैसोर तोपदेश . १६ आड्ों में यज्ायशिय लामोपासना ैहे २७ अग्नि आदि देवता में राजनसामो श्ृ्‌ श्यीविद्या में लामोपासना और अतोपदेश २४ आम के चिनर्दादि गुणकथन और अग्नि, प्रजाए वायु, इन्द्र, वृदस्पत्ति, वरुण आचायों के सामगान- क्या कथन ओर इनके लिये कर्तव्य ० ५० रे तीन धर्मेस्कन्ध और उह्मयसस्थ को अमृत की प्राति ओर भोद्भार की उपासतता ९०5 ०० र४ अक्ष को मिन्दा ओर ज्ञानार्थ साम होममस्त्र उत्थान ओर अतोपदेश ०० ० अथ तृतीय; प्रपाठक ॥ १ सब पदाणों में प्रह्म की व्यापकता. *** *** १ पृ दिशा में ब्रह्म की व्यापकत. “७... « ४ दक्षिण दिख्ला में बह को व्यापकता ** ब्क डे पत्िम दिशा में ब्रह्म को व्यापकता ० ३६४ ः ५ पुप्ससे पृष्ठतक. ' २५४ २५५ न४५.. २9७ घभप्र७ २४६ २६४. रे७५ श्र २८० ४२८० झ्ष्र श्प्रे घ्५५ ४२८५४ श्प्ण श्श्८ ३५० े ३०७० 28०२ ३8०४. ३०३ फैेण्३े ओेणप ३०४. बे श्द्द्रे ३६६ 2७२




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