भाड़ों का नकल | Bhadon Ka Nakal

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Bhadon Ka Nakal by मारकंडे शायर - Marakande Shayar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ ३० ] नो+रं-(घबढ़ाक) तो साहब हमें कुछ वताओा लोग क्यां करें । शैद-तुल लोग किले के बाहर ले चलो मेदान सुताओं में मंत्र से उसे जिलाऊँगा तमै न ३०) पाउ गा उठाओ ले चलोा। ( सब नोकरां का उठा कर किले के बाहर ले जाना, क्‍ यानी घरदा स घुमाकर खुता देना ) नैद-अच्छा तुम लोग जोव अपने २ कमरे में राम करो | में सवेश होते ही जिला कर किले लोऊगा। ( नौकरों का जाना ) 4द-अबका सब कौम बनल ५००) रु० भी ली और बेगम के भी चोखलि अबका बेगम के नें घर ले चले के वाही | ( बेद यानी डाकूका शाहत्रादी को उठा कर ले ज्ञाना )




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