मन की रानी | Man Ki Rani

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
67 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कृष्णजीवन भार्गव - Krishnajeevan Bhargav
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ विप्र परिचय
हैने उसका सिर अपती योर में #बर श्लेहपर्थ शम्दों से उसे
दाद दिवा--करे गए जया इइते है | गम्दारा पद्मासाप फिर से ठुमें
बुग्पारी संपत्ति विज्ञा एकता है। उठो ए) सही, पृस्वा-ुस 6! संप्या शोमे
से पहके ही अपनी भूत का पता क्षय गग्म है।
उसने ठड़ी समप उठकर मेरे चरखों की घृ् को छिर पर लगागा,
कौर प्रतिदा की कि १३ अग से कोई भी दुष्कर्म ते करेशा “छा हूँ,
उसका णोसन वदखबर एक पत्ित्र भ्ौर सरल बालक दी माति हो यपा है।
कलावठी ने पि्मय के साय पृष्ठा-ऐं [ बपा सभ कहते हां
हगेंद्र--हाँ बिलकुत सत्र | भत्ता, इसे जहा लगाता प्रौर इमे
अब बग्म मिल सकठा है उमभरता हैं, भव इस बूसर चित्र का मी
परिचय शिरूना हुम पसख करोगी।
कला--परिक्षप शो धुम मे सुना ही दिस है। झब मुझे! लिखने
की क्या झ्ाजर्पकता है ! पर शो, शाओ, हैं एक बार उस चित्र को गौर
है देख व घहो।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...