दैवज्ञविनोद | Daivagya Vinod

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Daivagya Vinod by श्रीकृष्ण दास - Shree Krishna Das

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्रीकृष्ण दास - Shree Krishna Das

Add Infomation AboutShree Krishna Das

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
5ज>5६::8::82:$2:$0:60:8::9 2:82:82:३:2:$2:$::$2:42/:8:::5 क्रय्यपुस्तकें--( ज्योविषगंथाः ) नाम छीछावती सान्वय भाषादीका अत्युत्तम-« ««« बृहज्तातकसटीक भट्टोर्पडीटीकासमेत जिरदू -.« बृहजातकमहीधरकृत भाषाटीकासह अत्युत्तम वर्षदीपकपत्रीमाग [ बर्षनन्मपत्र बनानेका ) मुहत्तेविंतामणि म्रमिताक्षरा र॒फू रु, १ स्छेज .... मुहत्तेचितामणि पीयूषधारा टीका. ->«+ ««* तानिकनीटकंठी सदौक तंत्रज्यात्मक -«« ««« तानिकनीहृकण्ठी तंन्रत्नयात्मक मद्दीपरकृत भाषा डैका अच्युत्तम टैपफो छपी «« -«« ज्योतिषसार भाषादीकासदित «« ««« मानसागरीपद्धाते ( जन्मपत्रबनानेमेपरमोपयोगी ) बाल्बोधन्योतिष.. «« *“«»« +«»» -*» ग्रहराघव सान्‍्वय सोदाहरण भाषायेका समेत जातकसंप्रद ( फछादेश परमोपयोगी ) . ««« चमत्कारचिंतामणि भाषाटीका ०» *« *«« जातकाटेकारभाषाटीका बन. ००० न्न्* इदत्पाराण रदोराशाखम्‌-पूर्वेखण्ठसारांश मूठ व उत्तर संस्कृतटीका तथा भाषाटीकासदित «« जातकाटंकारसटीक ««» ल्‍««» ««« --«» जातकामरण ««» «»«» +«» «०० «»«»«» अकायंटेशर भाशटीका ०. -» बन» -»०५ पंचपक्षी सपरिदार भाषादीका समेत «« ««० छरघुपाराशरी भाषाटीका अन्दयसदित -«« *« मुट्च॑ंगणपति «० »«५ ««« बन छ «०० पुछरेके मिल्नेका ठिवाना- सेमरान श्रीकृष्णदास, “आीवेड्टेश्वर?? (स्टीम) यन्त्र/डपके माठिफ, सेतवा्दी-चंब्ड. 7:45०:7:767:470 ::$8::87:-५$ ::$7:$>+--८:$:५६::है::6 2: ०-घ क्ल्दे 9०- २ ्‌ झंइुणे प्रतकका “बड़ा सू्चापत्र भटग हे )॥ मानेका टिकट भेजकर मुक्त मंग'टडिये | बै7060:60:67:$::$276708:087:$50072 ७-० ०-३ ००१२ 9-हैन्‌




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now