मदर - इंडिया का जवाब | Madar - India Ka Jawab

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Madar - India Ka Jawab by चंद्रावती लखनपाल - Chandravati Lakhanapal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम भाग २१ ग्रो0७७७ रणजी हा6 एछ, #8 16961, 19 8ए0 0 एणां ग्रणप6 कगां।ए 107 गी6 7863 ता गीह की6 ? “ये ज्षोग अच्छाई-चुराई के घह अये नी क्षणाते, जो हम छगाते हैं, इसक्षिये एक मा अपनी क्षमकी को गाड़ निद्रा में सुलाने और छद़के को पुरुष यनाने के क्षिये उत पर ( एस्त- मैथुन ) करती है, जिस घुराई को फम-से-कम छडका प्रतिदिन समीचन-भर जारी रखता है ।”? इन वाक्यों को पद्कर किस भारतीय फी झखों में खून नहीं उतर आएगा | भारतीय देवियों पर यह कछ्क ' माताएँ स्वय अपने छड़के-सड़क्रियों को खराघ फरती हैं--यहद ऐसा मूठ है, भिसे पढ़कर पुस्तक फाड़ डाजनने फो जी चाहता दै | ऐसा मूठ गढ़ सकनवाल्ी के शब्द-कोप में सच-भ्ृूठ का क्‍या अयथे हागा ? फिर लिखा है-- +*. 6 एछछ्ञागाएड 0 (16 8ए००58७ 909१8 86दप्पो एणा76708 019 ६रफ्त16118 8)1107ए . जैेए एचावोां प्रह७ 760070०पे रा गरा6 लव छाती गांड १16, 285 5001, राशा 16 1ए5 138 जछच्चा8 08, धाएं 8008 पी 1! 16 गह्ते 10, णा]1५16 मा8 कैलणी67 पा हॉचोीनिा! 0198, 10 'ैछ+ 97680108 107 & ९७४३ फटववें 0४0३ व89 10 8० (0 हणा००0, 16 जण्पोंत 0धा० प्हए७ खचीशा




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