वाजिद अली शाह | Vazid Ali Shaha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
300
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बाजिद धसी दाह शद
कागजात पिए चाहे पगथ के हुषम के पागन्द रहते । पिंघने दितो उर
हिल धड़कते की नमी बौमारी हुई भौर ठग है भव तक पूरे दो माह
सोग इस सवारी के लिए देचैत भौर परेणान ठे 1 प्राज षह पब सपा
सार बाजिदं भनी छाहू की सेहत के लिए तारे बुसस्थ कर रहे थे जिससे
उतके उत्साह का शात होता भौर शाइ की सोकप्रिपता स्पष्ट हो चाती ।
सबारी यों हो मियां शान भौर चौने थी के करीब थाई एक
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छिपी शष्ठ मै शाहे भ्रषष के इंसाफ को मरी पूरी थगता में
चलकर कर उत्साहित भीइ को हैरान घौर परेणान कर दिया । लख
नऊ के इतिहास में पहली बार डिप्टी ने बसते जुलूस को रोकने का
बुइमनीय पाहस क्या था । चारों तरफ हलचल धघौर फुसफूताइट
पारम्म हो जाना षिर्कुल सामूहो बात थी ।
सवारी श्की पौर बदौर प्रमीदृहरौमा षो र्पौरियों पर बल पड़
णये । उस्देंगि पौड़े की रास फेरी भौर चारों घोर प्रदत सूचक हप्टि थे
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1
तभी एक जिस्तान रपी बयोर के थोड़े के निकट था एड़ी हुई।
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उदकी भांखें बदल गम्मीर भौर परेणान भम्र भाई । बह बजीर
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