उम्मेद है अक्षय पद की | Ummed Hai Akshay Pad Ki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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(संग्रहणी संहारक)
गम्भीर तार रव पुरित-दिग्विभाग
स्त्रेलोक्य लोफ-शुभ सद्भम-भूति दक्ष: ।
सद्धमंराज जय घोषण-घोषफ: सन्,
खे दुन्दुभिध्वेनति ते यशसः प्रवादी 11३२॥॥
(सर्वे ज्वरनाण संहारक)
मन्दार-सुन्दर-नसेरु-सुपारिजात
सन््तान कादि कुसुमोत्कर वृष्टिरुद्धा ।
गन्धोद बिन्दु-शुभसन्द-मरुत्प्रपाता,
दिव्या दिचः पतति ते वचसां ततिर्वा ॥३३।॥।
(गर्भ संरक्षक)
शुश्रत्प्रभावलय-भूरिविभा विभोस्ते,
लोकत्रय-चझ्ुति मर्तां चुति साक्षि पन््ती ।
प्रो्यूद-दिवाकर-निरन्तर भूरिसंख्या,
दीप्त्या जयत्यपि निशासपि सोसम-सोस्यास् ।३४।
(इति भीति निवारक)
स्वर्गा पवर्ग गम मार्ग-विभार्ग णेष्ठः
सद्धम तत्व कथनेक-पटुस्त्रि लोक्या: ।
दिव्य ध्वनिर्भवति ते विश दार्थ सर्वे
भाषा स्वभाव-परिणाम गुर्णः प्रयोज्यः (३५॥।
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