सोलह महासतियाँ | Solah Mahasatiyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
308
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ब्राह्मी और सुन्दरी दोनों बहनें थीं । दोनों ही भगवान ऋषभ की
पुत्रियां थीं, ब्राह्मी भरत की और सुन्दरी बाहुबली की सगी बहन थी ।
जीवन के जिस समय में ब्राह्मी दीक्षा लेने जा रही थी, उस समय सुन्दरी
का मन भी दीक्षा के लिए उतावला हो उठा था 1 यह स्वाभाविक भी
था | क्योंकि कुछ व्यक्तियों में देखा-देखी वैराग्य की जागृति भी हो
जाती है और वह पूर्णरूपेण कसौटी पर वही उतरती है | सुन्दरी को भी
ऐसा ही हुआ था । किन्तु सुन्दरी की यह मनोवांछा उस समय पूरी नहीं .
हो सकी । सुन्दरी का यौवन और लावण्य बड़ा ही अद्भुत था | वह
उस समय की एक सर्वश्रेष्ठ सुन्दी थी । चक्रवर्ती भरत उसके रूप
लावण्य पर आसक्त थे । यह बात आज अटपटी ल्हुग सकती है कि
अपनी ही बहन के प्रति एक भाई की ऐसी भावना कैसे हो सकती है ।
. किन्तु यह कोई अनहोनी बात नहीं थी, क्योंकि उस समय यौगलिक .
: पद्धति चालू थी | उसमें भाई-बहन का जोड़ा जन्म ग्रहण करता और
वही आगे चलकर पति-पत्नी के रूप में परिवर्तित हो जाता । भगवान
ऋषभध के सप्रय यौगलिक परंपरा अन्तिम श्वास ले रही थी 1 फलतः
एक जोड़े में से अचानक पुरुष की मृत्यु हो गई | वह उस समय की
प्रथम अकाल मृत्यु थी, सभी असमंजस में थे कि आ उस अकेली नारी
की क्या व्यवस्था हो, अंततः निश्चय किया गया वि. उसे राजा ऋषभ
को सौंप देना चाहिए । वैता ही किया गया, लोगों की प्रार्थना और
नारी की सुव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ऋषभ ने उसे पत्नी के रूप
में स्वीकार किया । प्रथम पत्नी सुमंगला के भरत आदि निन्यानबे पुत्र
हुए जबकि दूसरी पत्नी सुनंदा के एक पुत्र बाहुबलि हुए । भरत ने
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