ओसवाल जाति का इतिहास | Oswal Jaati ka Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
50.42 MB
कुल पष्ठ :
1388
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
चन्द्रराज भंडारी विशारद - Chandraraj Bhandari Visharad
No Information available about चन्द्रराज भंडारी विशारद - Chandraraj Bhandari Visharad
श्री कृष्णलाल - Shri Krishnlal
No Information available about श्री कृष्णलाल - Shri Krishnlal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खिल लफिदकलरनरनिसफटारलरिएटरिकटलिशटफटिकापाानन0 रन नर्ण्णि
कर # ५ थै
ग्रन्थ के माननीय संरक्षक |
&-सब्सधाप्टरेाकैगण ह
१--रायबहादुर सिरेमलजी बापना सी० आाई० इं०, इन्दौर र
भारतवर्ष के ओसवाल समाज में आप से प्रथम व्यक्ति हैं, जो इस समय इन्दौर के समान
बड़ी रियासत के प्रधान मंत्री (माइम मिनिस्टर) के उत्तरदायित्वपूर्ण पद को सफलता पूवंक सश्चाखित कर कं
रहे हैं । आप बड़े उदार, गरभीर और महान हृदय के पुरुष हैं। इस अन्य के प्रणयन में भापकी प्रेरणा
ने प्रकाशकों के माग॑ को बहुत प्रकाशित किया ।
२-श्री० सेहता फतेलालजी, उदयपुर
साप सुप्रसिद्ध बच्छावत वमंचन्दुजी के वशाज और उदयपुर के भूतपूर्व दीवान मेहता पन्नञालाठजी
सी० आई ईं० के सुपुत्र हैं । आप बड़े साहित्य प्रेमी और इतिहास रसिक व्यक्ति हैं । प्राचीन ग्रन्थों गौर है
चित्रों का आपके पास अच्छा संग्रह है । ओसवार इतिहास के निर्माण में आपने अच्छा उत्साह प्रदान किया ।
३--स्वर्गीय सेठ चांदमलजी डड्ढा सी० आई० ईं०, बीकानेर
ओसुवाछ जाति के रदंस पुरुषों में भापका स्थान सच प्रथम था। अपने समय में आप
ओसवाछ जाति के प्रधान पुरुष थे । भाप बडे उदार और महान हृदय के पुरुष थे । आपकी भोर से भी |
इस ग्रन्थ को अच्छा उत्साह प्राप्त हुआ । खेद है कि ग्रन्थ के छपते २ हाठ ही में आपका स्वगंवास हो गया । ं
!
कर
४--बाबू बहदादुरसिद्जी सिघी, कलकत्ता दे
आप कछकत्ते की सुप्रसिद्ध “हरितिंह निहालचन्द” फर्म के मालिक और बंगाछ के एक बढ़े
जमींदार हैं । भाप बड़े विद्यारसिक और साहित्य प्रेमी पुरुष हैं। आपके पास भी प्राचीन वस्तुओं का दर्शनीय
संग्रह है । इस ग्रन्थ के निर्माण में भापकी सहायता भी बहुमूल्य है ।
५--जाबू पूरनचन्दजी नाहर एम० ए० बी० एल०, कलकत्ता
काप समस्त ओसवाल समाज में सुप्रसिद्ध इतिदासज्ञ हैं । न केवल ओसवाल' समाज ही में
प्रद्युत सारे भारत के इतिहासकारों में भाप अपना एक खास स्थान रखते हैं । आप बड़े प्रसन्न चित्त और
सरछ हृदय के पुरुष हैं। श्राचीन वस्तुओ का संग्रह भापके पास बहुत गज़ब का है। आपने अनेकों ऐति-
हासिक अ्रन्थों की रचना बहुत खोज के साथ की है। आपके द्वारा हमें इस अन्थ की सामग्री संग्रह: -में
बहुत सहायता प्राप्त हुई है। -
दि दरार बयनटि,डिलावनटिद शान वनरटि फाटक नटिदिििकफलर 9 सवाल किलर ,टाानववरटफि.्नलाार नया
1 लि लि ि 2. िवि . विवि वलनफिदरोचलारनननटि,दारफनननटद/ा जर्सी
कि
User Reviews
No Reviews | Add Yours...