हिन्दी विपूवकोष भाग - 8 | Hindi Vipoovakosh Bhag - 8

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Book Image : हिन्दी विपूवकोष भाग - 8  - Hindi Vipoovakosh Bhag - 8

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जुब४--जमखण्डो “रह ५७ प०में भवस्थित है। ग्रेट इप्डियन पेनिनसुला शोर | जबानो ( हि'०वि० ) मौखिक, जो सिफ जबमानसे इष्ट इण्टियन दोनो' रेले' थहां भा कर मिलो हैं । कहा जाय । नगरकी चारों शोर छोटे छोटे पहाड़ हैं । नम्दा ६ मोल जबाला ( स*« ज्वौ०) सत्यकाम ऋषिक्ो माता ) दूर पड़ती है। सड़कें चौड़ो भोर भ्रच्छी हैं। आस पाप्त बइतसे तालाब और बाग बन गये हैं। यह नगर समुद्रए४से १३०६ फुट ऊंचा है। जलचायु शोतल है। जनसंख्या कोई ८०३१६ होगो । १७६१ ६० को मराठोंने जबलपुर अपना सदर बनाया। कजिछ्तो प्राचोन ताल्रफलकर्म इसका नाम जवालिप्तन लिखाहै 1 १८६४ ई६०में सुानिसपालिटों हुई और १८८३ ई०को पानीझो क्षत लगी । १८६१ ई*मैं यह सदर बना था। छाबनीकी आबादी १३१५७ है । १८०५ ईं में तोपगाड़ो- 'क्रा कारखाना खुलो ( 09ध1-28०१189 900079 ) यहां व्यवसाय भोर वाणिज्यका प्राघान्य है। कपाव ओऑटने, कपड़ा वुनने भ्रादिक्षे मिल हैं । मशेके बनीं, अफ,, वैल भीर भ्ाटेको कले चलती हैं । ग्रेट इग्डि ' यन पैनिनसुला रेलवेका कारखाना है। कपड़ा बुनने, ' प्वीतल्का सामान बनाने भौर पत्थर काटनैका काम “हाथेदे भो होता है! पत्यस्कों कई चोजे', जैसे झतियां, बटन दूपरे गदने आदि बनती हैं। अंगरेजी, हिस्दों भोरे ठहू के छापेखाने हैं। भंगरेजो भोर हिन्दी अख़बार निकलते हैं! है शैवल जितेका हो नहीं, वरन्‌ कमिय्र, डिजिनल अन्न, जंगलोंकी कननरवेटर सुपरिण्ए ग्डिएरः इच्चोनियर 'भ्रावधाशोक्षे इस्कीनियर, टेलोग्राफनै सुपरिण्ए ण्ड़र प्ट, और स्क लगे इन्सपेऋरका मो सदर है। ज़बह (फाण मु० ) दिंसा, कतल। जबहा ( हि'० पु० ) साहस, हिम्मत, जीबट ! जूबां ( फा* स्दी० ) जवान रेखो। जूवान,( फा० और ) १ जिच्ठा, जम 1३ भष्द, घात, /बील। 2 प्रतिन्ना, वादा, फौल। ४ भाषा, बोल चाल । जुवानदराज ( फा० वि० ) १ जो बहुत शटतासे अनुचित ' बाते करता हो। २ज्ों अपनो भ्ंठो बढ़ाई करता दो, थैजी या डींग छौकनैवाला । जबानदराजो ( फा” स्त्री ) एष्टता, दिठाई, शुस्ताखी । जवानबन्दो ( फा० स्त्रौ० ) १लिखा जानेवए्ता इजहार । ३ मोन, चुप्पी | एण, शा, 6 “सत्यकामोद जावालो जबाला मातरमार्म॑प्रयांचके बरह्मश्वर्य सवति । (छन्‍्दोग्यडप१०) सत्य कामने ब्रह्मचय व्रत अवलस्वन करने के लिए मातासे भपना गोत्र पूछा । जवालाने उत्तर दिया-- “मैंने यौवन भवस्थामें बडुतींकी परिचर्या कर तुक्हों पाया है, इसलिए तुप्त किस मोजके हो, सो छुके नहीं माल स--तन्हें मेरे नामानुसार जाबाला' नाप्त ग्रहण करना चाहियि ।” जबून ( तु० थि० ) निल्ष्ट/ बुरा; खराब, निकष्मा। : जब्त ( अ० पु ) १ अधिकारो या राज्य दारा दंश स्वरूप किसी अपराधोकी स'पसिका हरण। २ कोई वलु किसे दूसरेके भ्धिकारसे ले लेना । जुब्तो (अ० स्तो० ) जूबस । जा व - जम्बरखाद-विपाशाको गाणा चक्षिननद्रोकीः एक उप नदी 1 इसके किनारे न,रपुर नगर भ्रंवस्थित है| जन्र ( प्र० पु०) कठोर व्यवहार, सख्ती, ज्यादती |: जब्नन ( भ्र० कि० थि० ) बन्दातू, बलपूर्वक, जयवरदस्तौसे । जभन (२० क्लो* ) जभ-य,य। १ मंथुन, स्तोम्सड़क्‍ । २ मैथुन दारा घप्प । जम्य ( स'० पु० ) जप यत्‌ | शस्यक्षा भनिष्ठकारी कौट. एक प्रश्ारका कीड़ा जो धानको नुकसान पहुँ चाता है। जम ( हि'० पु» ) यम देखे | जमई ( फरां० विज ) जमा घब'भो, जो जमा हो, नगद। जमक ( हि ० पु० ) यमक देखो । जमक्ष-बस्बई प्रात्तमें काठियाधाड़का एक छोटा देशों राज्य। लोकस ण्या छसोथे ज्यादा है। सालाना आमस- दनो १५०००) थ० है, जिनमेंसे १८५) रु० मायक्रवाड़को “ करखरूप देना पड़ता है। ५ जम दण्डो--१ वस्यई प्रान्तके कोलहापुर तथा दिए मराठा देशकी पोलिटिकल एनैन्‍्सपोका एक शन्य। यछ अघछा० १६९२६ तथा १६४७ उ० और दिशा 9५' ७ एवं ७५' ३७ पु०के मध्य अवस्थित है। पेशवाने पटवर्घन बंशके किसी व्यक्तिको उक्त राज्य प्रदान -किया था। - १८०८ ई०फो यदद दो भागोंमें विधक्ष इग्मा | .उप्तमें एक #-जुछघ ५. «पे &




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