पत्र लेखन | Patr Lekhan

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Patr Lekhan  by पन्नालाल - Pannalal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(६ २१ ) नमुना ने०.३. | ४ [कान जनाए मुशी अब्द्रेहमान पा सादिव रईस मोदनपुर दस्तखत, ता सन. जिला विजनौर तसलीम- . ज्ञोद्ि २८०) रपये आप के मेरे ऊपर मेरे पदले रफक्‍्के तादादी दो लो रुपये तारीय ३ अफ्टूबर सन्‌ १६१२ के चाहिये और २०) रू० आज घरेलू काम के लिये नकद कर्ज लिय हैं। 5: पु कुल तीन सो रुपये कि जिसके आधे डेढ सौ रुपये होते है, एफ रुपये माखिऋ सैकडा व्यात्त सदित जश् आप मार्गंगे तथ अदा करू गा, इस लिये यद्द रुक़का दिकट चसुपा लिप दिया कि सनद्‌ रहे ओर समय पर काम आदवे। ड़ मै कह 147 ह० | सुदावख्श घटद इमाम अली साकिन करपया,नगीन| जि० घिजनौर। स्थान, >तारीस ,), पद 1 । 1 ग $ मना न० कथा म॑ इफरार करता हूँ कि चारसौ रुपये कि जिस के श्रांघे दो सो रुपये द्वोते ह॑ं मु० अ्टमद्‌ य.र खा चटद मु० गुलाम नवाखा कौम पठान साकिन इृदसान नगर ज़ि० भुडगांवा फो मिस्वत कर्जा जी मैने उनसे नझद लिया है मय सूद फीसदी एफ रुपया मांइवारी इन्दुत्ततथ अदा करू गा इसलिये प्रामेसरी नोट' लिख दिया कि सनद रहे। ह० | प्रेम छुम्ददास घटद्‌ झानदास कौम बौदरा साकिन सुदच्यतपुर जि० गुडगावः, यकलमरुद त्ता० १७। नयम्धर सन्‌ सन्‌ १८६१ मुकाम इदसान नगर ।




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