सोहन काव्य कथा - मंजरी भाग - 5 | Sohan Kavya Katha Manjari Bhag - 5

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Sohan Kavya Katha Manjari Bhag - 5  by सोहनलाल जी - Sohanlal Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सोहन काव्य कथा मंजरी . भाग ५ ४ ए्‌ रचनाकार प्रवतेक श्री सोहनलालजी म० सा० ए सम्पादक प्रवचन प्रभाकर श्री वल्लभमुनिजी म० सा० 0] प्रथम संस्करण जनवरी, १९९१ ए मूल्य : दस रुपये ए मुद्रक : मंगल मुद्रणालय, ३/९, गंज, महावीर सकिल, अ्रजमेर फोन : २३६२६ / ३२६२६ द्रव्य सहायक श्री प्राज्ञ जैन शिक्षण समिति थांवला का नाम समाज-साहित्य सेवा के लिए सुपरिचित है ।- यह समिति ग्रुरुदेव श्री के आ्राज्ञा- नुवर्ती शिष्य-शिष्याश्रों एवं विरक्तात्माश्रों के अध्ययन का सभी व्यय वहन करती है और जब अध्ययन आदि का कार्य नहीं होता है तब श्री श्वे० स्था० जैन स्वाध्यायी संघ के साहित्य प्रकाशन में सहयोग देती है। उसी क्रम में इस समिति ने पूर्व में सानायिक सूत्र मूल की ३००० प्रति छपवायी थीं श्रौर इस सोहन काव्य कथा-मंजरी के पांचवें भाग के प्रकाशन का दायित्व भी इसी समिति ने वहन किया है एतदर्थे समिति के सभी पदाधिकारी सज्जनों का श्री जैन स्वाध्यायी. संघ साभार: धन्यवाद ज्ञापित '| कंस्ता है एवं भविष्य में भी इसी प्रकार के सहयोग की श्राशा है । ५ ४




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