संविधानों की दुनियाँ | Sanvidhanon Ki Duniyan

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Sanvidhanon Ki Duniyan by प्रभु दत्त शर्मा - Prabhu Dutt Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पम्रिटिय संविधान के विकास व स्वरूप 15 विद्यमान हैं। इसी प्रकार महानु परिषद्‌ (१४४80॥0॥ (०॥०॥णा7) से ससद के द्वितीय भवन “हाउस श्राफ लॉडेस” (10758 ०1 10705) का विवास हुआ । सुत्रों झोर इयस्ट (१0070 810 /४८थ1ञं) ने ठीव ही लिखा है कि श्रत्यत प्रारम्भिक रूप में हम मेग्नम कौंसीलियम में झाधुनिक पालियामैंट का और क्यूदिया रेजिस मे आधुनिक कैबीनेट का स्वरूप देख सकते हैं । मनौमय कालीन शासन “यवस्था मे बाद में हैनरी द्वितीय ने परिष्कार किया । उसते क्यूरिया रेजिस के न्याय सम्बन्धी और प्रशासन सम्बन्धी कार्यो में मित्रता की । महान परिषद्‌ की प्रधिक वैठकें बुलाकर और उसको निखय के लिए प्राथ सभी मामलो को सौंपकर उसे ससद की सस्था बनाया। उसने चल न्यायाधीशों की व्यवस्था की जिससे सब लोगो व स्थानों के लिये स्ाधाय कानून के विकसित होने मे सहायता मिली । सव्‌ 1196 से 1216 तक ब्रिटेन में एक बहुत ही श्रत्याचारी राजा हुआ जिसवा नाम जॉन था । उसके श्रत्याचारों से तग भ्राकर बड़े बडे चरत उसके विरुद्ध हो गये । उन्होने उसे ग्रह शुद्ध की धमकी दी । अन्त मे जॉन वो मुक्‍्ता पडा श्रौर उनकी उन मांगी को स्वीकार करना पडा जो उोने मंगनाकार्टा (४०४०७ 0७718, 1215) नामक प्रपत्र में अस्तुत की । इस प्रपत्र श्रथवा अधिकार पत्र को ब्रिटेन के वैधानिक इतिहारा में एव भहाद्‌ सीमा चिह माना गया है। इस महाव अ्रधिवार पत्र के मुस्य प्रबेघ निम्न थै--- 1 महान परिषद्‌ ग्रर्थाद्‌ सग्नम कीसीलियम वी सम्मति पर ही राजा सामतो पर करारोपण करे। 2 विशी नागरिक वो उस समय तक बददी न बनाया जाए और न ही उसकी निर्वासित विया जाए जब तक उसका श्रपराघ पघिद्ध न हो जाए । 3 कसी व्यक्ति वो उसकी स्थिति एवं प्रपराघ की मात्रा वे भ्रनुरूष ही भ्रथ दण्ड दिया जाएं। यह भ्रथ-दण्ड नितात स्वेच्छाचारी नही होना चाहिए 1 4 “कोट श्राफ वामन प्ली' ((००ा ०1 (०आए1०॥ 1०8) एक सुनिश्वित स्थान पर बाय करे, राजा के साथ ये स्थान स्थान पर दौरे व जिया करे। है 5 राजा चच के रागठन झौर उसके श्रधिक्रारियों वी नियुक्ति में हस्तक्षेप ले बरे | 6 प्रभावशाली सामतो और पादरियों वो महांत्‌ परिषद्‌ मे ग्रवश्य निमन्तित किया जाए । दा 7 विदेशी व्यापारियों के देश मे स्वात्र विचलन का बैवल युद्ध बाल में ही प्रतिबाघ हो, भयथा उन्हे स्वतायतावूवया देश भें झावे-जाने की भाज्ा हो । 8 सम्पूण राज्य में तोल वे! एक हो पैमानों का प्रयोग क्या जाए। मैगनात्रार्टा ने इप मौलिक तथ्य की सूध्टि वी कि राजा वो बुदछ मूलभूत विधियों बे झ्धीन रहना चाहिये घौर यदि वह उनका उल्तधन बरे तो झनता मो ध्रधियार है कि यह राजा को उन विधियों को मानने दे लिए बाध्य कर। प्राय




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