लालबहादुर शास्त्री | Lal Bahadur Shastri
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
137
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री व्यथित हृदय - Shri Vyathit Hridy
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्राराव हराम यु
जिले का कोई ऐसा गाँद हो, जहाँ शास्त्रों डो न गए हों,
प्रौर रूदाजित् ही ऐसा कोई रूस्या हो, जहाँ शास्त्री भी मे
भाषण न दिया हो । जित्ते के गाँव-गाँग में, कोने-कोने में
धास्त्ी जो के माम की गूँज है प्रात कास भर से निकलते थे,
हो फिर प्राधी राठ के पहले चर नहीं प्नौटसे पे । खामे-पीने की
सुषि, शोर मं बाल-अच्बों को विन््ता | कांग्रेस के कार्यों मे--
उसके उसूर्छों ने जैसे उसके मत को पागल गर दिया ही |
डनके मन के उसी पायसपन मे--उनकों उसी परिश्रमशीसता
मे--उम्हें सोकप्रिय बना दिमा । इसमा सोकप्रिय घना
दिया वि बे जिस वी सीमा को स्लॉपकर प्रास्त में पहुँचे, भौर
प्रपदी विशिष्टवार्भों से प्रोत की सीमा को लाँधकर सपूण देश
के मेठा के पद पर भासीन हो गए ।
अस्तुत दास््त्री भी गी उप्तति ईर्प्पा की वस्तु है--थिक्षा
User Reviews
No Reviews | Add Yours...