कसायपाहुडका | Kashaya Pahuda Sutta
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41 MB
कुल पष्ठ :
1046
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मंगलायरणं ,
जयह घवलंगतेएणावूरियतयलभुवणभवणगणो |
केवलणाणसरीरो अणंजणो णामओ चंदो ॥ १ ॥
तित्थयरा चउपीस वि केवलुणाणेण दिद्वसव्यद्ठा ।
पसियंतु तिवसरूता तिहुबंणसिरसेहरा मज्ज ॥| २ ॥
सो जयह जर्स क्रेवलणाणुजलदप्पणस्मि लोयालोय॑।
पुलपदिर्वियं दीसह वियसियसयवत्तगव्भगउरों वीरो ॥ ३ ॥
अंगंगवज्ज्ञणिम्भी अगाइमज्क॑तणिम्पलंगाए ।
सुयदेवयअंबाए णमो सया चखुमइयाएं | ४ ॥
णप्रह शुणरयणभरिय सुअणाणामियजलोहसहिरमपार ।
गणहरदेवमिहोपहिमणेयणयभंगर्ंगितुंगतरंगं ॥ ५ ॥
जेणिह कसायपाहुडमणेयणयम्ुज्ञल॑ अग॑त्त्थ॑ ।
गाहाहि विवरिय त॑ गुणहरभडारयं वंदे ॥ ६ ॥
गुणहरवयणविणिग्गयगाहाणत्थोवहारिओ सब्बो |
जेणजमंखुणा सो सणागदृत्थी वर देझ | ७ ॥
जो अज्ञम॑सुसीसो अंतेवासी वि णामहत्थिरस ।
सो वित्तिसुत्तकत्ता जइच्सहो मे वर॑ देख ॥ ८ ॥
पणमह जिणवरवसहं गणहरवसहं तहेष गुणहरवसहं ।
दुसहपरीसहवसह जहवसहं धम्मसुत्तपादरवसहं ॥॥ ९ ॥
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