वैज्ञानिक जीवनी | Vaigyanik Jeewani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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इक्षिजिशन (110 एजधणा॥1 ) नामका एक न्यायालय था।
यहाके न््यायाधीश उच्चपदस्थ घर्मप्रचारक थे । इसी न्यायालयमें
अर्मद्वेपी घनोफा प्रियार हुआ। और उसे छ सखासके लिए
जेलकी सजा दी गई। फिर भी निर्भमीकताके साथ अपने मतया
पॉषण फरनेसे सन् १६०० की १९ घीं फरवरीफो घट जलती
आगमे जला दिया गया ।
गेलितिश्रो सुबायखासे ही फोपनिकसके मतजे पोषक
थे इसी फारणसे प्रुनोफी एस प्रकार शाचनीय झूत्यु धोनेफी
खपरसे थे स्वय प्रिचलित न हुप्ए हो, गह मातम नहीं होता।
गेलिलिओं कोपर्निकसर्क मतका समर्थन करनेके लिए पहुंत
दिनोसे नये प्रमाण सअह फर रहे थे | उन्होंने नहाने अपने समसाम-
यिक असिद्ध' ज्योतिषी फंपलण्फों एफ पत्रमें लिखा था कि--
“मैने प्रचलित सिद्धान्तऊे प्रिरद्ध अनेक युक्तियोका सलशञ्नह किया
हू, किन्तु उनको प्रकाशित करनेका साहस नहीं होता। कारण
मुझे डर लग' रहा हे कि ऐसा होनेसे हमारे गरू कोपर्निकस
की सी जैसी मेरी भी दशा होगी। यद्यपि थे कितने ही
मजुष्योकी दृष्टिम अपनी अशेष र्याति फर गये हैं, फिल्तु
अधिकाण निर्याघ व्यक्तियोंके निकट उपलाल ओर घृणाजे
पात्र हो रहे है ४
कोपनिफसका मत बाइबलफके मतऊे विरुद्ध या ओर इस
लिए थे संयर्के निरुद उपहास ओर घूणाऊे पात्र बने थे,
यही एक कारण नहीं है । इसफा प्रधान फारण समान व
चरित्रफा एक धधान गूढ' रहस्य हू। कोपर्निकसके सैकडे। वर्ष
पहले, एरिस्टाटल दलेमें, हिपाजास प्रभ्भति प्राचीन दाशनिफ
विरुद्ध शिक्षा दे गये हैे। थे ऋषिरूप थे। उनके मतकेा
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