हारीत संहिता | Harit Sanhita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39 MB
कुल पष्ठ :
540
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१०) .._« हारीतसंहिता-
' विषय, : पृष्ठ, | विषय, पृष्ठ,
दूतकक्षणोंका उपसंहार * : .... १९८ | ढुंंघित करनेमें अयोग्य रोगी ...... १६१५
शकुलवर्णेन'* .... ४ .». ४ | रवित करनेमें योग्य रोगी
9७० डक
झुमहाकुनच ४ ,,० “' «»«» »$ | छ ग्रकारके रूंपन ०. (१६३
दुंषशकुंच .... 0... “० «« . १९५९ [विस्तकब्बरतक्षण,,.. ४ .... ».
बुग[दिकोंका शकुन .»० ४ - | दोषपरत्वसे रूंघनकी मस्योंदा के
यृगोंके संख्याका शकु .. ..., .. # दोषोंके कोपका पंकार॒.
मोस्आदिकोंका शकुब -.. ».... #
व्वरवालेको काथ देनेका समय ..... १६७
काथका प्रकार: .. 2 जूक
सातग्रकारसे काथ देनेके समय कट
औषधादि देनेके समयकी संज्ञा १६८
काथके सात अकार ्म्ड
सांत अकारके काथोंका रक्षण...... »
सात प्रकारके काथोंका कार्य .... . #..
काथरक्षणका उपदेश... बे # .#.
काथसंबन्धी अनिष्ट छक्षण.. ...... 1१५.
हीनकाथके लक्षण 1 99०० है का ह
काकशकुन .... .... + »«४ . १६०
जाहशशादिकोंका शकुन् : ...... - ,
गसब समयक्रे.विविधपतद्यथंद्शन शक्कुन ,,
शकुताध्यायका- उपसंहार ... .... १११
इति- द्वितीयस्थाने- समाप्तम् ॥
अश्.. ललीयश्थानम ।
ओऔषघपरिज्ञानविधान “« ,.«/ - १६१
ज्वस्से उत्पन्न होनेवाके रोग .... “१६२
ज्वरसे उत्पन्न 'होनेवाले अन्य 3 2
उत्तम काथका लक्षण | «>«+ #
प्रकारके-सैग.... “४ »,» “४ | बातज्वरमें पाचनकी विधि. .... . #
दिमें शयन करनेसे होनेवाले रोग : ५, | पित्तज्वर और-कफज्वरमें पाचचकी
मसहाभयंकर रोग कक ० हुई: |. विधि: *त+ 2 ताक जिले. ० काका
स्वेव्याधियोंका- हेतु. २०» « 5 “9 -पाचनका निषेध .... ४ «० (७०
बातादिदोषेंका पाचनकाक-' «० -# ' ज्वर्की मर्यादा .... “४ बज के -
पांचनांदिक्रियाका समय ““ब «४ $ ज्वरंमेंपाचनादिदेनेकी मर्यादा... . ऊ..
घातुगतदोणेंका .पाचनकाल ......० /. १३४
'काथके विपत्तिका प्रकार ..«
पथ्यकी आवश्यकता ४४53 #««»
छंघनका उपचार ..... «« “3 / 7 | ज्वरितको पथ्य मोजनका-उपदेश/ “ ,,
रूंघनप्करण -०५..... ४>«०«०« ४ #- “ |मध्यलंघितकी अन्नविधि:- #« छू
झुद्धलंघितका लक्षण : 7 5.2: ',, *,: | क्रमंशांतिकी-बिधि विज |
अध्यमलंघितका -रक्षण. «३.६: ४ 7:: - | क्ाथ पीनेकी विधि हक
अंतिलंधितका-लक्षण. «६.३: - १६५६:
ज्वरचिकित्सा ४. इछकक हज कक - ; १ ७र ः
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