हिन्दी में नीति काव्य का विकास | Hindi Mein Niti Kavya Ka Vikas

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Hindi Mein Niti Kavya Ka Vikas by रामस्वरुप शास्त्री - Ramswaroop Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्र सस्दों पौर सूफियों के मौतिकाम्य की हुशएता ३६१ निप्शर्प ३६४ (मे) रामकाश्य में मीतिदत्व (३६५ ४२०) वयक्ठिक मीति ३६६ पारिवारिक नीति, १७४ सामाजिक गीति ३८६, प्राविक नीति ४०२, इतर-प्रारशिविपयक नीति, ४०६ मिश्ित मीति, ४०६, राम काम्प पर एक वृष्टि ४१५, प्रमुख बिय्रेपताएँ ४२० (थ) हृप्णकाम्म में मीति तत्व. (४२० ४१६) बैयक्तिक नीति, ४२१ पारिशारिकरमीति, शर४श सामाजिक मीति ४२६ भाषिर भीति ४३६ इतर-प्रारिपबिपयक नीति, ४३१, मिश्रित नोति, ४४० कृष्ण कास्प पर एकपरृप्टि, ४४४५, रामकाब्य और हृप्णकास्य ४४३ अुख विधेपताएँ ४५६ पंचम भ्रध्याप--रीतिकाल का नीतिकामस्य ४२७-६२७ (१) भमुण सीठिकीद (४५८ ५८४) जसराज (जिमहर्प) ४५९, सुशवेब ४६१ हेमराज ४६२; मैया भगवतीदास ४६३ स्षक्मी बध्समे ४६४५ पृम्द ४६७ पर्मसिह ४८१ जिवरंग सूरि, ४८१५, बाशचम्द, ४८६, प्रशर प्रनय ४८६, देवीदांस ४८७ केशवशस अत ४८९ योपाप्त चानग, ४५१, रघुराम ४१४ किसने ४१६ मूपरदशास ४६७ भाष ५००, चात्रा हितजस्दाबतदास १०२, पिरिपर कबिराम ४०४ बितय भक्ति ५१० शायसार, ४११ मापूराम (माधिया) श१४ यणापति भास्दी, ११६ स्पामदास ५१७ कृपाराम भारहठ ११८ बॉकीदस १५१६ बेधाल ५४६ मनरगसाप्त ५४५ रपुमाप १४६५ शुघजत ५४० दीनदयास पिरि, २१७ पृपास् कि २७२, केसौरास १७८ भर्डरी २१७८ मामिकदास १७६ मनथम ५७६, मूल्षमेद श्रौपाई ५८१ जीया गिनोद चत्तित ५८२ दाठार पूर तो सदाद ५८३ (२) गीति-प्ंधों के प्मुवादक कमि (५८४ ८६) जयसिहृदास शपरं मय धिह ५८४, दृष्य कि श्८र ड्ारकासाप सरस्वठा श८४, दैदीइम्द ५८६ बजनिधि, ५८६, प्र्ददयम ५८७ इम्मेद राम, ५८७, बिप्णुमिरि शु८८ (३) ट्यंपारी कवियों का सीतिकाब्य (१८६ ६०८) मेंपक्तिक मीति, १६० पारिदारिक मीदि १६२ सामाजिक गीति श्ट४ धायिझ सीति, ६०० इतर प्राशिविपयक मीठि ६०१ मिथित गोति, ६०४; प्राप्तोषगा ६०४ निषकप ६०७ (४) मंप्रह-॑ंषों में मीठिकाम्य ६ ८११ (३) पुछकस ली उिकबि ६११ ६१४




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