पीरदान लालस ग्रंथावली | Peerdan Lalas-granthavali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about अगरचन्द्र नाहटा - Agarchandra Nahta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ £# ॥
लहै कुण लील निमो वर लाछ, छौगानी कांनड़ ढोन्ण छाछ।
दमोदर हूँत सुरे सहि देत, नाराइण नंद तणौ नखतंत |
भले महियार जसौदा भाग, निमो नंद नंदण ताथण नाग ।
किया ते काम भले कलियांण, दीया तें भ्रम लीया तें दांण ।
अइयो अभियागत आतम अंस, कमाइण मांगण आयौ कंस ।
रमे मथुरा बिच केसवराय, भले कुब्ज्या सां माधव भाय |
भले यो कासू' जादव' भांण, अ्रइयौ उम्रसेन तुहारी भ्रांण ।
उधारण ब्रिघ श्रिजण श्रास, पुरावण गोविंद टाव्ण प्रास |
समापण वांभण नां रिध सिध, दमोदर दांन बड़ी तें दीध |
दहावण नंद जसोदा दाहि, मिल कुरखेत तिणी धर मांहि।
करावे राम जुगे जुग क्रीत, साधां रा पूत करें सर जीत।
साधां रो वाल्हो लागे साथ, प्रश्च॒ रे प्रीतम पांडव पाथ'।
पंचाठी तुझ सरीखो प्रांण, आँधे रा आँधा पूत अजांण ।
आावे तू श्राप लियो अवतार, भड़ांभड़ भोमि उतारण भार ।
सोहै तू डाहुल देत सिधार, निमो नरकासुर खोसरा नारि।
छीयावर पौढण पाडरछ छाँह, बाणासुर देत विधांसण बांह।
अ्ईयो राजीव सरीखा अंख, उधारण मारण देत असंख |
दामोदर तुझ निमो ब्रिज देस, प्रवार्डाों तुक निमो परमेस |
निरंजण नाथ जिसौ निरकार, इसौ बुध सांमि तिसौ अवतार |
देखां कह हाथ विहूँगी डील. खपावण खाफर रौ खोड़ील |
इये इक बीचि कलंकी झ्राउ, दईतां हूँत परी करि दाउ।
प्रभु करि ऊची नीची पांति, भुजाड़ो भोमि पछाड़ शभ्रांति ॥
निवाजाों साध असाधां नास, आंवौ चन्द्रमा री प्रण आस |
आवबो श्रसि सेत तणा असवार, निमो निककंकी साह निजार |
दमोदर देव किलंग दुकाल, करो हक न्याउ किसन कृपाल |
हरि हैग्रीव हरे हरि हंस, वर्खांणों जादव जादव बंस |
_ बड़ी श्रम ऐह घुजेती वाह, वखांणं वांमण ने वाराह।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...