महाराष्ट्र के पुरस्कृत एकाकी | maharashtra Ke Puraskrat Ekaki

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maharashtra Ke Puraskrat Ekaki by सगीर अहमद चौधरी - Sageer Ahmad Chaudhary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आठवाँ चोया सभी जपु अनेजर जग्रु भमेजर जग्ु मनेजर जग संनेजर ज्यु मेजर मयो भाई, कया गधा हू में ? बया में सो मे ट्रीट वील रहा है म। अर विछली बार जब भाश्मर राव मरे न तब में सात मिनट में बठवर आया था । डायरेक्ट सो मंट द्रीट । क्यों साला, ठड़े हा गये या सार! बालों जयराम श्रीर।म, जयराम श्रीराम जयराम श्रोराम, जयराम थाराम में आई बम इन सर है यस बम इन देशपाड़े । साहब तुम आपन बुलवाया रै हाँ मने ही चुलवाया था। क्ति विए सर ? बुद्ध भिस्टेव हो गइ क्‍या ? (दर्शकों से) अपनी तो एकदम फट गई थी। सच बहता हू, में बहुत डरा हुआ था। वसे भी साहेव को धनी-घनी मूछा से ओर टांच बी तरह चमकने वाली आँखोंसे में बहुत डरता था। इससे पहले, अवेल में साहेव की केबिन में बभी नही आधा था । छो छो देशपाडे, मिस्टेवा वर्गरह कुछ नहीं। आपबो एक गुड यूज दनी थी । आँ ? कया २ भ्रुड़ गयूज अरे भई ऐस चौंक्यि घवराय मत । हाथ मिलाइये पहले अमर आन शेक हैड़, प्रमोशन की लिस्ट मे आपका भी माम है मिस्टर देशपाडे, हम लोग अब आपको प्रमोद बरने वाले हैं । (खुशी से) सचमुच सर ? येस, आप ही फाईनलाईज करने वाले हैं। आपके साथ चीन भौर हैं । रेगे, शुक्लात, और मिसेस जिचारे आपकी 7]




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