महाराष्ट्र के पुरस्कृत एकाकी | maharashtra Ke Puraskrat Ekaki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आठवाँ
चोया
सभी
जपु
अनेजर
जग्रु
भमेजर
जग्ु
मनेजर
जग
संनेजर
ज्यु
मेजर
मयो भाई, कया गधा हू में ? बया में सो मे ट्रीट वील रहा
है म। अर विछली बार जब भाश्मर राव मरे न तब में
सात मिनट में बठवर आया था । डायरेक्ट सो मंट द्रीट ।
क्यों साला, ठड़े हा गये या सार! बालों जयराम
श्रीर।म, जयराम श्रीराम
जयराम श्रोराम, जयराम थाराम
में आई बम इन सर है
यस बम इन देशपाड़े ।
साहब तुम आपन बुलवाया रै
हाँ मने ही चुलवाया था।
क्ति विए सर ? बुद्ध भिस्टेव हो गइ क्या ? (दर्शकों
से) अपनी तो एकदम फट गई थी। सच बहता हू, में
बहुत डरा हुआ था। वसे भी साहेव को धनी-घनी मूछा
से ओर टांच बी तरह चमकने वाली आँखोंसे में बहुत
डरता था। इससे पहले, अवेल में साहेव की केबिन में बभी
नही आधा था ।
छो छो देशपाडे, मिस्टेवा वर्गरह कुछ नहीं। आपबो
एक गुड यूज दनी थी ।
आँ ? कया २ भ्रुड़ गयूज
अरे भई ऐस चौंक्यि घवराय मत । हाथ मिलाइये पहले
अमर आन शेक हैड़, प्रमोशन की लिस्ट मे आपका भी
माम है मिस्टर देशपाडे, हम लोग अब आपको प्रमोद बरने
वाले हैं ।
(खुशी से) सचमुच सर ?
येस, आप ही फाईनलाईज करने वाले हैं। आपके साथ
चीन भौर हैं । रेगे, शुक्लात, और मिसेस जिचारे आपकी
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