स्वगत | Swagat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
440 KB
कुल पष्ठ :
126
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)डहे६ २ ८०
भेद मुक्त!
विदा हो रहा दिवस, दीप को
लो का तिलक लगाओ |
दिशा दे रही व्योम थाल मे
धर कर अक्षत तारे,
कुशल क्षेम से घर को लोटं
फिर सुरज भिनसारे,
चला आ रहा तिमिर, ज्योति से
उस को पथ दिसाओ !
अतिथि सान फर इस को भी प्रिय
दो कुटिया मे आने,
यह फरुणामय लाया प्रिय के
सपने स्थ सुहाने,
नींद छगी विरहिन फी, तम के
प्रति आभार जताओ
विदा करेयगो प्रकृति इसे भो
लगा उपर का टीका,
भेद मुक्त जो दष्टि अमगल
करतो नहीं किसी का,
मम त्वम का यह इन्द्र सिटे यदि
अपने मे जग जाओ !
श्र
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