समय एक शब्द भर नहीं है | Samay Ek Shabda Bhar Nahi Hai

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Samay Ek Shabda Bhar Nahi Hai by धीरेन्द्र अस्थाना - Dheerendra Asthana

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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समय एवं शब्द भर नहीं है. 25 आजकल नैनीताल मे हैं।” फिर आधू ने आफिस में मौजूद चेहरो का परिचय देना शुरू क्या “बी० सी० जोशी, डी० एस० बी० कालेज स्टूडैन्ट्स यूनियन थे अध्यक्ष, मिस रेखा थपत्रियाल, उत्तराखंड छात्र सब की महासचिव सुरेश बड्थ्वाल, पन्तनगर विश्वविद्यालय मेजदुर यूनियन के ज्वाइन्ट मेजेटरी, भगवती प्रसाद डोभाल, कुमाँऊ पत्रकार एसोसिएशन के संथोजक, के ० बे ० तिवारी, डी० ए० बी० पी० जी० कॉलेज छात्र सघ देहरादुन के महा- सचिव, और ये मिस रजनी उनियाल, जनवादी कला-साहित्य मोर्चा, उत्तराखंड की केन्द्रीय कमेटी की चीफ ।” उसने सभी से हाथ मिलाये और” व्लैड टू मीट यू” वाक्य क्यू रिपीट क्या। जनवादी अला-साहित्य मोर्चे की रजनी उनियाल से हाथ मिलाते हए उसने महसूस क्या कि लडकी होने बे वावजूद उसके हाथो की क्ठोरता आदमी से अधिक है। पक क्षण के लिए उसने रजनी ती तरफ आँख उठाकर देखा तो पाया कि वह बडे रहस्यमय अन्दाज्ञ मे उस घूर रही है। उसने नज़र घुमा ली और सिगरेट सुलगाने लगा। राजी ने उम्र दो समाचार दिये। एक यह कि हलद्वानी से सध्या का फोन आया था कि किसी जरूरी कारण से वह आज नही आ रही है। तीन है इसलिए वह बहता है कि इस जुलूस के साथ-साथ रहकर समस्त बाये- वाही के फोटोग्राफ इन खीचे और फिर एक वढिया-सा रिपोताज नैंनी- दषण' के लिए प्यार करे। आशू क। विचार था कि भुवन को यह कार्य भी थी कि जय बह यहाँ लिखने के उद्देश्य से ही आया है तो 'चिपको मूवसेंट' को आधार वनाकर वयो नही लिखता ? इससे पहले कि आशू की सलाह पर वह कोई प्रतिक्रिया जाहिर कर




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