विश्व प्रसिद्ध ड्रग माफिया | Vishva Prasidha Drug Mafiya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)त था कि पंजाब और कश्मीर के मा के विरुद्ध भारत द्वारा लड़े जा
हे युद्ध का हिस्सा हैं। पाकिस्तानी न्यूज लाइन के दिसंबर, 1989 के अंक
श हवाला देते हुए श्री कृष्णकांत ने कहा कि मादक-द्रव्य तस्कर पाकिस्तान के
प्रासक और सैनिक अभिजातवर्ग का हिस्सा हैं। लगभग 3,110 किलोमीटर लबी
प़्रत-पाक सीमा पर प्रतिवर्ष भारी मात्रा में मादक-द्रव्य पकड़े जाते हैं। इस
करी के प्रमुख क्षेत्र पंजाब में अमृतसर और फिरोजपुर सैक्टर तथा राजस्थान मे
गैकानेर और श्रीगंगानगर सैक्टर हैं।
तस्कर-आतंककारी गठबंधन का एक अन्य उदाहरण दक्षिण भारत,
वेशेषत: तमिलनाडु है। अब यह बात सर्वविदित हो'गयी है कि श्रीलंका के
प्मिल-मूल के आतंककारियों ने दक्षिण भारत में विशेषतः उनके लिए बनाये गये
शरणा्थी शिविरों के आसपास ब्राउन शुगर का व्यसन फैला दिया है। श्रीलंका के
त्रमिल आतंककारी शस्त्र खरीदने के लिए धन जूटाने के प्रयोजन से मादक-द्रव्यों
की तस्करी में लगे हैं। इन शस्त्रों को वे चोरी-छिपे श्रीलंका भेजते हैं। ये लोग साठ
हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ब्नाउन शुगर बेचते हैं, जो तमिलनाडु-केरल
प्ीमांत पर कोटूटायम से 100 किलोमीटर दूर बसे कूमिली जैसे पर्यटन-स्थलों पर
डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा देती है। तमिलनाडु की पुलिस ने 20 जनवरी, 1989
को पंबन और रामेश्वरम के बीच एक गांव से आधुनिकतम शस्त्रों का एक बड़ा
भंडार बरामद किया है।
भादक-द्रव्यों और मादक-द्रव्य तस्करों द्वारा अस्त चुनी ती त चुनौती बहुआयामीय है
वथा उसका सफलतापूर्वक सामना करने के लिए इस समस्या
और विविध पक्षों का व्यापक अध्ययन अपेक्षित है। 1]
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