स्वाध्याय - सुमन | Swadhyay - Suman
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
320
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हिन्दी पद्य :
अन्वयार्थ
| आदिनाथ स्तोन | स्तोत्र
भक्तामर स्तोत्र
भक्तामर-प्रणत-मौलिमणि- प्र भाणा--
मुद्दचोतत दलित-पाप-तमो-वितानम्।
सम्यक्प्रणम्य जिन-पाद-युगं युगादा--
वालम्बनं भवजले पत्ता जनानाम्॥१॥
है भक्त-देव नत मौलिमणि-प्रभा के,
उद्योतकारक, विनाशक पाप के है।
आधार जो भव-पयोधि पडे जनों के,
अच्छी तरा नमि उन्ही प्रभु के पदो को ॥१॥
भक्त -- भक्तिमान्
अमर -- देवो के
प्रणत -- नम्रीभूत
मौलि -- मुकुटों के
मणि-- मणियों को
प्रभाणाम् -- प्रभा को
उद्योतकम् -- प्रकाशित करने वाले
पाप-- पापरूप
तमो-- अन्धकार के
वितानम् -- विस्तार को
दलित -- नष्ट करने वाले
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