श्री मदवाल्मिकीय रामायण भाग पहले | Shrimadvalmikiya Ramayan Bhag-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26 MB
कुल पष्ठ :
999
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्राचीन संरक्ठत टीकाएं
शाप्मीकिएाफ्मपर अगणित प्राघीन थैश्नएँ है
पषा--१ रूसे टीऊा ( इतका मागौद्दी भ” हपा ऐेबिन्द
राश्यदिते बहुत इस्फेल विदा है) ९-नाग्प्रेडी भट्की तिफ्रक
पा फ्मामियमी स्पास्या ३--गोकिन्दराजश्ये भूषण टोज|।
४--शियतद्वायवी रामापभ शिरोमणि स्मास्ल्वा ( से पूर्वोक्त
दीनें टीरा, गुजराती शिडिठ्न प्रेस अम्धरेसे ए%मे री छपी ६1)
४--माहेश्र तीपडी हीपेप्पा््पा बा सध्यरीप ६--
बन्दर' शमानुखरी रामानुद्ीयध्याफ्या) ( ये दैसाएँ, ईंकरेश्वर
पल पम्बरसे छपी ँै। ) ७-अरदराजकझुस विवेदशिक्व
८--ए एज यश सरनीरी पमामूय स्शफ्रा (प६ खष्य गा
महठ एयं भीरइमसे छपी है) भोर ९--णमानस्ददीयेरी
शमापजए्रुम्पाण्पा । इगफ्रे अतिरिक्त अतुरर्पदीपिता
शमाइजबिराधपरिद्ार। शमायणसेत् तात्पपंगर्ि श्रद्रार
मुपत र, रामामणरफ़विस्न मनोरमा साईि सनेफ़ रीबाएँ हैं|
रीहिग्स इन रमायज! फ॑ सनुष्यर इतनी टीकाएँ भर हैं--
१ अत्ेक्सरी वास्म्ीड-दृदय! (तनि्ग्रयी) स्यास्पा। उमके
छिप्परी विशषम'कनी दीफ़ा स्यभवाभाज॑शी रामासणवालग
निजय स्पाएश धरीभपणप दीक्षितेग्रदी भौ इसी मामी एक
अर्य स्पास्प्य ( जिसमे टसहीसे रामागणत्रों परिबपरक ठिद्ध
हिपा है 3 प्रथशमुजुम्दसूरिरी शम्पपजमूत्रत प्मास्था एर्व
एप्पल एणओी एु२दिरी री ७ ६ इज़रर प्ण कृष्णणाचातीने
भअगनी पुल$ दिखी भाद क्वात्ताल सेलत लिरेमए मे
दर ए । रौर्यपोदा शस्स प तिश्य है। झिनक केल्कफों पा पता
सही है। उद्दाएरभाम-अपृरक़्तर, रामावजखरदौपिया
मुए्दाब्य वित्तरक्रिती विषम्मनरप्निनी भ्यदें । उस्सेने
अर धााशबाप से राम्यपंससारमप्र६ रेमगममस-वी विपपफ्दाये
कया 7 गुनिई गाप्रीरी क्स्पपस््थितरा सकयबाएँगी
ग्रपाधद धरिषा पेध्यपा के सम्यदतडपरायियश श्या
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