त्रिषष्ठिस्मृतिशास्त्रम् | Trishashthismritishastram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)7 फ्िषष्टिस्मातिशातम 1... [१३]
राजातिम॒श्रो पांर्मोद्धी व्याघधो देवो [दिवाकरः ।
मन्त्री मतिवरो5्घो5हमिन्द्रों योअभूत्सुवाहुक/ ॥२४॥
विराद सर्वाथेसिद्ध॥ स जायाद्धरतः पुरोए। _#
आद्यः पुत्रोजथ चक्रभृत्पोडशो हि मन्ुमेहान् ॥२५॥
अतियृप्रराजा, नारकी जीव, वाघ, देव, मतिवरमन्त्री, अह-
मिन्द्र, सुबाहु, वज्सेन तीर्थिकराचा पुत्र वरूत्तराज, स्वार्या्िद्धि
स्वगौतील देव आदि भव घेऊन भरत झालेला प्रथम तीर्थकराचा प्रथम
पुत्र चक्रवर्ती, सोकावा मनु ( देश विरति व लोकव्यवहारोपदेशक
या अर्थाने ) जयशाली होवो,
यो मनन््त्री वत्सकावल्यां प्रीतिवद्धनभ्प्तेः ।
प्रभाकरीपुरीहोदक्कुरुना कनकर्प्रंग! ॥ २६ ॥
आनन्दो<5धघो5हमिन्द्रो5धन्पहावाहुरलुत्तरे ।
सुरअ्थान्त्ये स पुरुतुकायों वाहुवलीज्यैताम ॥ २७ ॥
बत्सकावती देशाताील प्रभाकरी नगरीच्या प्रीतिवर्घन राजाचा
मंत्री व उत्तर कुरुमोगभूमीतील आर्य कनकंग्रम नामक वैमानिक
१ धर्माया हिल भवो घार्मा नाक: २ विशेष्ट राजा वद्रसेन
तीर्थकरपुजः रेनगयो ४ भूमी ना पुमान् ५ काचनविमानेश ६ सर्वो्थ-
सिद्धी, ७ पूज्यता शिवार्थीभिः
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