लीलावत्यां | Leelavtyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
373
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उपाद्धातः
से ऋण. देशों
६,
र् सद्मपत्रतमततियों ।
चीजापुरानियवाने. नृत्तनित्यचय इले वया॥2 ॥
पडनन्रखरातिंसु ( 2०२१ ) वमिते शाक्रहायते ।
नहेखरसुतों बातों मास्करो लोकबास्करः ॥ २ ॥
द्िप्रव्दिग्यिति (7०७२) शाके बनन््यो<र्य तेन निर्मित: |
विससे॑ परते छला तन्च्छचन्दोनिस्लस्कुतः ॥ ३ ॥
लीजलावती सनी अन्यों यणिति नात्ति भृतले।
अन््वोड्य॑ तेंन सर्तत्र पर्राज्ञासु अतिशितः ॥ 9 ॥
व्यक्ताटीविवानेयु नान्कर्रबउतिसतस्कुटः |
बत्यान्वातत नन्द्रीठती चशितज्ों नत्रिख्यिति ॥ ४ ॥
यद्ययस्य छता््टीका: सन्त्वनेज्रात्तवापि ताः |
नोपबुक्का विशेषेद् छाूत्रेन्चदः सात सब ॥ 5 ॥
किताब सुइंदया दि टंक्रियं लिखलिया मया।
तत्या अन््यक्रनादेत परिसिशनि चसन्ति ब्रे॥७॥
तत्रीदाहरण:,. सार्व चर्वीनगणितत्थ हु |
रातिः पग्रदर्शिता चेन, ज्ञानं तन््यारे जावतानर ॥ ८॥
प्रर्गा वृद्धिक्रिद्वर्य सनन््त्वनेक्रा:ः नुचावद्माः |
विन॒वादे: फ्लत्यापि यखिते तत्र अच्कुटन ॥ ६॥
अनवा वदि छात्राणाजपकारों चतह्नव ।
तदा ने ब्नसाकल्वसन्यधा विकलः अनः तर 2० ॥
गअमादाद इद्िद्ोपाद्या ऋण्टकाजरजाउति शा।
बात्रुकि ता इबेः सोचा त्रनः च्वानातिक्रों चतः ॥ 22 ॥
डरवि बिर्नातों
लषपणदाल।
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