हिन्दी व्याकरण की रूपरेखा | Hindi Vyakaran Ki Rooprekha

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hindi Vyakaran Ki Rooprekha  by ज. म. दीमशित्स - J. M. Deemashits

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ज. म. दीमशित्स - J. M. Deemashits

Add Infomation AboutJ. M. Deemashits

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ई ऐ मे परिवातित होता है । उ और ऊ दोनों ही औ म परिवतित हाते है । ओऔ' 'औ! म परिवर्तित हाता है । खलहरण समय सामयिक इतिहास ऐतिहासिक नीति नतिक उपचार औवचारिक भूत भौतिक लोक लौकिक (व) प्रत्ययसहित भेद, जिसम शब्दा वा निर्माण केबल प्रत्ययो द्वारा होता है । जैसे छ्ख लेखक खेत खेता मदद मददगार बल बलवान (ग) उपसगसहित भेद, जिसमर नये दक्त का निर्माण उपसर्यों से होता है। जसे देश विदेश मान अपमान गुण अवगुर जान अनभान (घ) मित्रित भेद जिसम नथे शब्दां का निर्माण प्रत्ययो तथा उपसर्भों दोगा से हो होता है । जसे मेल अनमेलूपव भारत अभारत्तोप त्तच्र स्वत्तातता होप बेहोधी (४) मध्यप्रययसहित भेट, जिसमे लय हास्य वा निमाण मध्यत्रत्ययों में होता है। इस नेट के अनुसार सक्मक क्रियाएं बनता हैं, जैस निकलता स लिवालना, सरना से मारता और बेंटवा से वॉटना सकसक व्ियाएँ बनती है । विभिनत हब्द भेदा म शब्द निर्माणकारी प्रक्रियाएँ विभिन होती हैं ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now