स्त्रीप्रभोदहिनी | Striprabhodhini
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
322
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उपीद्रात् । (२५७)
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कन्यावस्था-विद्याकी शिक्षा, सररू रीतिसे शिक्षाका
देना, पढ़ना, लिखना, चिट्ठी पत्री, सामान्य रिक्षा, शिरपका-
ये, ( सीना प्रोना कसीदा आदि ) चित्रकारी, गहकाय और
व्यय आदिका प्रवन्ध।
किशोरी-भोजन संस्कार, शरीर पालन, स्वास्थ रक्षा,£:
रोगीचया, विपदाविपदचिकित्सा । ' ;
गृहर्णी-विवाह और पातितरत धरम, गहणी कर्तव्य, (पति
ओर सास श्रसुरकी सेवा तथा पुरजनियोंके प्रति व्यवहार )।
आभोदिनी-रफिंकता, हास्य, कीड़ा कोतुक, रजोदशी-
न; ऋतुरक्षा और सहवास ।
४ गरभिणी-गर्भावस्था ओर गर्भरक्षा गर्भपरीक्षा, गर्भचि-.
- 4 कित्सा,प्रमुतिके पूषे आयोजन, प्रसृतिका गृह; प्रसवका नियत |
समय ओर शीमप्रयूता ख्लीके लक्षण ।
* जननी-धाजीशिक्षा और प्रसव, प्रशनृतिकी पीड़ा * क्
।
चिकित्सा, जननीका कर्तव्य, बाल चिकित्सा, शिशुपालन,
शिशुस्वास्थ्यरक्षा,माताकी स्वास्थ्य रक्षा,शिश्वुशिक्षा अभ्यास
ओर संग.अन्यान्य शिक्षा ।
दुफदफ एप कद पक फकप कफ कद कक कक कक कक कप कक कफ कफ फकाफ 7.
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