स्त्रीप्रभोदहिनी | Striprabhodhini

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Striprabhodhini by सुभद्रा - Subhadra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उपीद्रात्‌ । (२५७) ह:8#:/४४/४/4४४४:ह-)ै:/४४४४०४७)३०४०ै/५४०४:४०/०/ह-/००ह'हैस/ध५):४॥४०४०४३*९ कन्यावस्था-विद्याकी शिक्षा, सररू रीतिसे शिक्षाका देना, पढ़ना, लिखना, चिट्ठी पत्री, सामान्य रिक्षा, शिरपका- ये, ( सीना प्रोना कसीदा आदि ) चित्रकारी, गहकाय और व्यय आदिका प्रवन्ध। किशोरी-भोजन संस्कार, शरीर पालन, स्वास्थ रक्षा,£: रोगीचया, विपदाविपदचिकित्सा । ' ; गृहर्णी-विवाह और पातितरत धरम, गहणी कर्तव्य, (पति ओर सास श्रसुरकी सेवा तथा पुरजनियोंके प्रति व्यवहार )। आभोदिनी-रफिंकता, हास्य, कीड़ा कोतुक, रजोदशी- न; ऋतुरक्षा और सहवास । ४ गरभिणी-गर्भावस्‍था ओर गर्भरक्षा गर्भपरीक्षा, गर्भचि-. - 4 कित्सा,प्रमुतिके पूषे आयोजन, प्रसृतिका गृह; प्रसवका नियत | समय ओर शीमप्रयूता ख्लीके लक्षण । * जननी-धाजीशिक्षा और प्रसव, प्रशनृतिकी पीड़ा * क्‍ । चिकित्सा, जननीका कर्तव्य, बाल चिकित्सा, शिशुपालन, शिशुस्वास्थ्यरक्षा,माताकी स्वास्थ्य रक्षा,शिश्वुशिक्षा अभ्यास ओर संग.अन्यान्य शिक्षा । दुफदफ एप कद पक फकप कफ कद कक कक कक कक कप कक कफ कफ फकाफ 7.




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