स्वप्न | Swapn
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
763 KB
कुल पष्ठ :
108
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला सगे [१५
[ २६ ]
भोग नहीं. सकता हैं ग्रह-छुख
भूछ नहीं सफता हूँ पर दुख ।
अकमेंप्ययाा से डस्ता हैं
जाता हजव हरि के सम्मुख॥
जीवन का उपयोग ननिश्चित
कर पाया दुबिधा-चश अबत्फ।
यौवम विफल जा रहा हे थद्द
औैसे शन्यनसदन में दीपक॥
[२७ ]
छुनता हैं यह मछज-देद है
इस रचना में अतिम अवसर।
सेवा करके व्यथित विश्य फी
में तर सफता हैँ भवसागण॥
पर ज्ञो विविध पालनायें दँ
जग में जो हैं. अमित प्रलोभन।
इन से जग सवमेवाले का
है क्या फोई मिन्न प्रयोजन ?
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