श्रीरामचरितमानस | Shrimadramcharitmanas (saral Teeka)

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Shrimadramcharitmanas (saral Teeka) by बालकाण्ड - Balkand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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- गोस्वामी तुलसीदासजीकी जीवनी फेरे कोट मारे चोट किये डारे लोट पोट लीजै कौन ओठ जाइ मानो पल काल हो । भई तब आंखे हुखसागर को चाल अचब वेई हमें राखे भाखे चारों धन माल हो ॥५०प८य आदइ पाइ लिए तुम दि०्ट हम भान पाये - आप खसममायें करामाएते नेक लीजिए | लाज दवि गयो चउप तच राखि लियों क्यों भयो घर रास जू को वेगि छोड़ि दीजिये ॥ खुनि ताजे दियो और क्यो ले के कोट नयो अवर्डन रहे कोड वामें तन छीजिए। कासी जाइ वुन्दावन आइ एमेले नाभाजू सा खुन्यों हो कविच् निञ्ञ सी मति सौोजिए 1४० ६॥ मदनगोपाल जू की दरसन करि कटी सही शाम इष्ट मेरे हग भाव पागी हे । बैसोई सरूप कियो दियो ले दि्खिइ रूप मन अज्जुरूप छुवि देखि नीकी लागी है ॥ काह कहो कृष्ण अवत्तारी जू पशेस महा राम अख झुनि वोले साति अज्भुरागी है! द्सरथझुत जानो छुन्दर अनूप मानी ईंसता बताई राति कोटि शुनी जागी है ए७श१ण। द्ुड ञ् नाभा जू को अभिलाष पूरन ले कियो मे तो ताकी साखी प्रथम खुनाई नाके गाइ के । भक्ति विसचास जाके ताही को प्रकास काँजि . भीज रह्मो हियो लीजे तन ही लड़ाइ के ॥ संवत प्रासेद दस सात खतडन्द्चत्तर, फालग्रुन मास वदी सप्तमी विताइ के। नारायनदास खुखरास भक्तमाल ले के, हक प्रियदास दास उरः वस्ते राहों छाइ के ॥६२३॥ 22222: रामहिं केवल अप पियारा रे न्‍ र् नि ल्‍लेहुजो 90015 47६ हु, हु 2 1 रे रु रे >म्




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