आचरण सूत्र भाग - 2 | Acaranga Sutra Bhag - 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Acaranga Sutra Bhag - 2  by श्रीचंद सुराना - Shrichand Surana

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्रीचंद सुराना - Shrichand Surana

Add Infomation AboutShrichand Surana

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दिप६ ६६० ६६१-४७०० ७०२१-७० ७ ७०८-७ १४ ७१५-७२० ७२१-७२३ ७२५-७२८ ७२६ ७३०-७४२ तृतीय चला : ७३३ 9३४ ७३५ ७३६-७३६ ७४६० ७४१ ७४२ ७४३ ७४४ छ््ध्य्‌ ७४६ ७४७-७४६ ७५०-७५२ छभ्रे ७श५४ ७५५-७५६ ७६०-७६९५ ७६६९-७६८ ७६६ ७७०-७७१ ७७७२-७७ ७७५ ( २३ ) रूप-सप्तिका : हादश अध्ययन रूप-दर्शन-उत्सुकता निषेध पर-क्रिया सप्तिका : त्रपोदश अध्ययन पर-क्रिया स्वरूप पाद-परिकर्मरूप पर क्रियानिषेध काय-परिकर्म-परक्रिया-निर्षेधच न्रण-परिकर्म रूप परक्रिया-निपेध ग्रस्थी-अर्श-भगन्दर आदि पर परक्रिया-निषेध अंग्रपरिकर्म रूप परक्रिया-निषेध परिचर्यारूप परक्रिया-निपेध परक्रिया से विरति साध्वाचार का स्वेस्व अन्योन्यक्रिया सप्तिका : चतुर्देश अध्ययन अन्योन्यक्रिया-निषेध (पृ अध्ययन) भावना : पन्द्रहवाँ अध्ययन भगवान महावीर के पंच कल्याणक नक्षत्र भगवान का गर्भावतरण देवानन्दा का गर्भ -साहरण भगवान महावीर का जन्म भगवान का नामकरण भगवान का संवद्ध न यौवन एवं पाणिग्रहण भगवान के प्रचलित तीव नाम भगवान के परिवारजनों के नाम भ्रगवान के माता-पिता की धर्म-साधना दीक्षाग्रहण का संकल्प सांवत्सरिक दान लोकांतिक देवों द्वारा उदबोध अभिनिष्क्मण महोत्सव के लिए देवों का आगमन शिविका निर्माण शिविकारोहण प्रव्नज्यार्थ प्रस्थान सामायिक चारित्र अ्रहण मनःपर्यवज्ञान की उपलब्धि और अभिगम्रह-प्रहण अग्रवान का विहार एवं उपसगरे भगवान को केवलज्ञान की प्राप्ति भगवान की धर्म-देशना ३४८ ३५० ३५१ ३५३ ३५५ ३५८ डे६२ ३६४ ३६६ ३६८ ३७० ३७१ ३७२ ३७३ ३७४ ३७६ ३७७ रे७८ ३७६ इ८० शेफरे ३८६ ३८६ इेणप८ ३६१ ३६३ ३६५ श€८




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now