सती जसमा | Sati Jasama
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आहसालिा तालाव रे
ह| उधडा किया इससे अपनी मरजी मूजिय फरना क्या ९ ऐसा
नहीं चलेगा, मजदूरी नहीं मिलेगी ! मरीक्षेक ने कहा 1
मह्दी मिलेगी वो दम लोग साएंगे क्या बापु? ऐेसा, कहते
फदते वेलदार ने कुदालीका एक शद्वार जमीन पर दिया । मिट्टी का
एफ बढ़ा ढेफा उस्ड[आया। उस पर आडी कुदाली मारने से ढेफा
मिट्टी के रूप में परिणित दो गया और घारों ओर रजकण उठे।
हाँ | काम ऐसे होता हैं तुम फाम जढदी फरोगे तो पैसे भो
जल्दी मिलेंगे और उतने ही मिलेंगे परन्तु खोदने वालों को इतती
बात खुनने का भी अवकाश कद्दा था और जरूरत भी क्या थी।
वेज्षद्वार ने पास में प्रिट्टी का देर पड़ा हुआ देख फर घुम भारी
हरे ! कहां गये सभ्र ?
है
यह रही | पीछे से एक युवती फी आवाज आयी। तूद्दी इस
तरद ढीक्ष करेगी तो दूसरे दो काम करेंगे द्वी कैसे ? बेतदार भओड
ने कद्दा ।
छोकरा रोता धो तो उसे (दीचा) कूंला भी न दू ॥ थुवति ने
शान्ति फे साथ जवाब दिया।
प
' बओोदने याले ओड (बेलदार ) के समत्ष युवति को उर्म आधी
थी। दोनीं के रूप और सौन्दय में जमीन आसमाच जितना अ तर
था। पस्न््तु दोनों का प्रेम घनि्ट था । दोनों परस्पर सतुष्ट थे । झड़
हदालौ को एक द्वाथ में पकड़ करे एक द्वाथ युवति के कन्पे
के अकाज कि...
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