त्रिलोकसार | Tirloksar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
374
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हमारी छपाह पुस्तक |
शत्नकरंडाव काचार--स्व» पं» संदायुसतीरत सावादयासद्ितां श्राउध्रचस्यस्वस्यी मापा
के जितने ग्रंथ इस समय मिठते है, उन सब्रये यद बहुत बढ़ा पत्य है। यह खहे प्रेमिं, जाई झा,
मोटे टाईपर्में बडी सम्दरतासे छपाया गया ईै। प्रृष्ठ संश्या ५७५ के छग़मंग दे । मूय पौच रादा।
पुण्यास्रय--दरसमें मनोर॑जक और धार्मिक मावोंसे परिपूर्णे कोई ५६ छोटी मोटी कंपयें हैं छ्ले
यह दसदी बार छपाया दे ! एृष्ठसख़््या ३४० के लगमग 1 सूत्य तीन झपया 1
भक्तामर कथा--( मत्र-य॑श्नन्सद्वित ) यद प्रत्य स्वर्गीय अद्यचारी रायमपके बनाये मक्तामरहे छाप
थड्ी सीधी-साथी दिन्दी-भाषामें छपाया गया है । अन्तमें मत्र, छद्धि और इनकी साथनतिति देश
बालीस मंत्र भी दिये यये हैं । मूल्य कपदेकी जिल्दका एक रुपया छंद आने, साई जिच्दका एड छत
चन्द्रप्रभचारित--मद्गाकवि->-भौवीरनस्दी आचार्यकत, संस्कृत जैन काव्योर्मे यह उच कीटीछआ अत
इसमें आठवें तीर्षरर श्रीच॑द्रप्रम भगवानका पविश्न चरित वर्णन किया गया है । मूत्य कपरेडी सिरे
' रुपया; साथी जिल्द एक दुपया | ५
नेमिपुराण--यह व्द्नथारी नेमिदत्तके संस्कृत नेमिपुराणकरा हिन्दी अलुवाद है । इसमें बावीयर्वे दी
नाथ भगवानका पविन्न चरित ईै। मूल्य कपड़ेकी जिल्द सवा दो झुपया, सादी जिल्द दो रुपया।
सम्यपत्थकौमुदी--यद भी कथाझा एक सुन्दर प्रन्थ दै। इसमें सम्यवत्वके प्राप्त करतेवादें, य
तोदय, सयोधन, भ्द्वास, चन्दनओ्री, विष्णुध्री, मागभी, पंधधठता, कनकलता और विद्युदताकी मर
यें हैं । मूल्य कपड्रेकी जि० एक रुपया छःआने, सादी नि* एक रुपया दो आने 1 |
खुद्शैनचरित--यद सकलकीर्तिकृत संस्कृत सुदर्शन चरितका टिन्दी अनुवाद है। छुद॒रएंन शा
-निश्चयी था, कामी ज्लियोने उसके साथ अनेक्र प्रकारकी थुरी चेशयें कीं उस्ते शीलधर्मसे गिरानेडा च्ई 1
तन किया परंतु सुदर्शन अपने शीलधर्म पर सुमेद्सा अचल-अडिग बना रहा ॥ मूल्य नौ आने ।
नागफुमारचरित--पदूभापा कवि चकवर्ती मह्लिपेण सूरिके सल्कृत प्रेषका अनुवाद । मूल्य छः झआने।
यहशोधरचारेत । मद्दाकवि वादिराज सूरिके एक सुन्दर सस्कृतकाव्यका हिन्दी अनुवाद |
पैधरका सुन्दर चरित वर्णन किया गया है । पुस्तक कदण रससे भरी हुईं है । पढ़ते पढ़ते हृदय मर
ता है । मूल्य मात्र चार आना ।
पवनदृत ( काध्य ) छाठिदासके मेघदूतके सम/न रचा गया है, दिन्दी भाणाम हैं । छीमत चार आाती।
श्रेणिकचरितसार ।अक्षचारी नेमिद्त्तके संस्कृत श्रेणिककघासारका यद्द अजुवाद है । मूल्य तीन अने।
अकर्रफयरित | इसमें अक लक-स्तोत्र जौर उसका मावायथ तपा हिन्दी पश्माजुवाद भी शामिल *#
प। हैं। मृत्य तीन भोने ।
झुकुमाछचरितसार । इसरे अनानेवाले अद्मचारी नेमिदत्त दे । उन्होंड्े भन््थका यह अलुवार है।
य देंदु भाना |
पंयास्तिकाय-समयसार | मूलप्रन्थके बतानेव्राठे भगवान कुर्दकुन्दाधाये है । उस पर क््व« ९
एनन्दवाने दोहा, चौपाई, कवित्त, सतेया क्षादिमें छत्दोदद्ध टीझा लिखी है। कौमत एक रुपया ।
चौयीसटाणा-चचौ--यद गोम्मठमारके आधार पर छिखी गई है । इसमें चौवौस दण्डक भी शामिट
_ दिये है। मूष्य क्षाट णाने ।
छदढादा--(सा्थे) स्व« प+ दौसत रामजी इत। अर« शीतउग्रसाइजीकृत अर्थसदित है। त्तीन भाने !
नियमपोधी--रते मी मद्षचारी शीतलप्रमादजीने सप्रह झिया है । मृत्य आधा थाना।
कि मक्तामर-7ह सह त भकाप्रहा स्री बोढीकी कवियाम सुन्दर अजुशद है । सुल्य सवा आना!
दुग्दा कल्याणमन्दर । भक्तामरक समान यह भी खड़ी वोलीकी कदितामें सस््कृत कल्याग संविदा
4 हूँ + मूटव एक शाना ।
इिमेंद्दन-विधान । इसमे वर्मदइन पूजा आाद सब हे है । मुख्य पाँव भाने ।
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