संस्कृत धातु कोश | Sanskrit Dhatu Kosh

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Sanskrit Dhatu Kosh by पंडित काशीनाथ - Pandit Kashinath

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अश्ू-अच्च अश्च (१३० अद्ति-्ते ) १ झु काना, टेढा क्स्ना २ कसी ओर झकना, जाना ३ पूजना, मान करना ४ सवारना, शो मित करन ५ मागना, चाहना ६ कुडझुडाना, अस्पष्ट बोढना अव-९ दाक्षणका आर जाना उद्‌-१ उत्तरता ओर जाना प्र-१ साधा जाना २ बाजसे हो जाना प्र-१ पूषफा आर जाना प्राति-१ परतश्चवमफा ओर जाना (१ १० अचांति, प्र० १० उ० अचयति-त ) १ प्रकट करना; न्यूनाधक देखना, (प्र० १० 3० अचयति-त ) १अफट करना; जाहिए करना अप-९ दूर करना, हदा देना आ-१ झुकाना उप १५ नियाठना ( जढू आदि ) परि-१ घुमाना गब-१ फेशना, विस्तृत कर्ता सम्‌-१एक्ञ्र कसा, वोरना, जमा फरना अञ्जू (७प०अनक्ति,कचित्‌ आ० अडक्ते ) ९ जाना ? साफ करना, स्वच्छ करना, हे सरा हना, गिस्यात फस्‍्जा ४ चम कना, अकाशित होना « तेछ मदन करना, अभ्यजन करना | सस्कृतघातुकाश । अट-अञड्‌ ६ सँवारना, सनाना अमि-१२ अभ्यजन करना, तेल्मर्दन कर ना वि- स्पष्ट करना ० उत्पन्न करना आंधि-१ भरना) संवारना आ-९ तेल महल्ना ३ चिकना करना, चलाना हे मान करना नि-९ तेल मल्‍ना + छिपना आ्ातै-१ ते महना * सँवारना, सनाना सम-९ त्तेह मलना २ मान करना ३ भरना: ४ एय्न्र करना, जोड़ना ५ खाना ६ सँवारला (अ्र०, १० उ० अनयाति-ते ) _* बोलना+ स्पष्ट करना आद्‌ (९५ अयदते कूचित्‌ आ० अस्ते ) १ धूमना, फिरना: पार-१ जाना, भटजना अट्टू ( १ जा० अहते ) ९ अधिक होना २ मार डालना ३दुख देना (१० प० अट्टयाते ) १ अनादर करना, अपमान करना > सूक्ष्म हाना अबू ( * प* अठत्ति ) * जाना अड्भध (१५ अडति ) १ उद्यम करना; प्रथत्त करना (« पर अझेति ) उपभोग करना) अपन अधियाग्म राना (चे०) १७ हना, व्यापता




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