मदनपराजय | Madanaparajay

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Madanaparajay by प्रो॰ राजकुमारों जैन - Pro. Rajkumaro Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दे. जातक (प्रथम खणढ ) की वखुकथा, $ है०। र्र्र्र्््ः (४ ) यमकप्पकरण अट्वकथा । (५ ) पद्धानप्पफरण अट्डुकथा । इसके सिवाय विनय पिटक के खन्दकों में, जहाँ विभिन्न नियमोपनियम ओर कत्तेंब्यों का निर्देश हुआ है, अनेक आख्यानों का विधान पाया जाता है। चुल्लवर्ग में भी अनेक संवादात्मक और बुद्धचरित सम्बन्धी कथायें हें। दीघनिकाय, मज्झिमनिकाय और सुत्तपिटक में भी गौतम बुद्ध से सम्बन्ध रखने वाले बहुत से आख्यान हैं। इसी प्रकार विमानवत्थु, पेतवत्थु, थेरीगाथा और थेरगाथा में भी अनेक बोद्ध भिश्षु और भिक्लुणी सम्बन्धी जीवन-गाथाएँ हैं । और जातक का कथा-साहित्य तो सर्वप्रसिद्ध है । इसमें बोधिसत्तव के पाँच सौ सेताढीस जन्मों की जीवन-गाथाएँ ग्रथित हैं । निःसन्देह जातक साहित्य बहुत विशाल, उपदेशपूर्ण और मनोरज्ञक साहित्य है और उत्तर- बर्त्ती आख्यान-साहित्य जहाँ कहीं इस साहित्य से प्रभावित हुआ दिखलाई देता है। जातक-साहित्य के सम्बन्ध में भदन्‍त आनन्द कौसल्यायन ने छिखा है द न इन जातक कथाओं के प्रसार ओर प्रभाव की कथा अनन्त प्रतीत होती है। **'** “इस प्रकार जातक वाडुमय चाहे उसे प्राचीनता की दृष्टि से देखें, चाहे विस्तार की और चाहे उपदेशपरक तथा मनोरश्लक होने की दृष्टि से, वह संसार में अपना सानी नहीं रखता । जातक कथाओं के विषयों के. 12721 1 72728 155:841/8 70222 इं 2720 1:740%/% 2000 260:0:/ 22707 0702: *] बारे में थोड़े में कुछ भी कह सकना कठिन है। मानव-जीवन का कोई भी पहल्दू इन कथामों से... अछूता बचा प्रतीत नहीं होता । यही वजह है कि पिछछे दो सहख्र वर्ष के इतिहास में यह जञातक- हि ... कथाएं सलुष्य-ससाज पर अनेक रूप से अपनी छाप छोड़ने में समर्थ हुईं है? . 5 8४* ( गृ ) जन धर्मकथा-सा हि स्थ--- जैन धर्म-कथा-साहित्य दो धाराओं में विभक्त किया जा सकता है--एक इवेताम्बर और... दूसरी दिगस्वर । इन दोनों ही परम्पराओं के वा|डसय में जो आख्यान-साहित्य का विपुर भण्डार.... सन्निहित है वह बहुत ही मूल्यवान्‌ और महत्त्व का है । जहाँ तक इवेताम्बर परम्परा और उसके सम्मान्य उपलब्ध अनज्ञसाहित्य का सम्बन्ध है, उसमें . अनेक सजीव, मनोरञ्षक ओर उपदेशपू््ण आख्यानों का उल्लेख है । ५8 हु किक .. आचाराज्ञ में भगवान्‌ महावीर की जीवनगाथा है और कल्पसूत्र में तीथंकरों की ज्ीवनियों का... | नामावली के रूप में उल्लेख है । नायाध॑म्मकहाओ के प्रथम श्रुतस्कन्ध के उन्नीस अध्ययनों में और... दूस रे श्रुतस्कन्ध के दस वर्गों में अनेक मनोहर और उपदेशपूर्ण कथाओं का चित्रण है। भगवती के... संवादों में भी शिष्यों के प्रइनोत्तर के रूप में वीर जीवन की झाँकी विद्यमान है । सूत्रकृताड़' सूत्र... के छठवें और सातवें अध्ययन में आद्रककुमार के गोशाछ॒क ओर वेदान्ती तथा पेढाह्पुत्र बबृक के... भगवान्‌ गौतम स्वामी के स्राथ हुए संवादों का लेख है। और इसके द्वितीय खण्ड के प्रथम अध्ययन... में आया हुआ पुण्डरीक का दृष्टान्त तो बहुत द्वी शिक्षा पूर्ण है। एक सरोवर पानी और कीचड़ से... भरा हुआ है | उसमें अनेक सफेद कमर खिले हुए हैं। सबके बीच में खिला हुआ एक सफेद बिशाढ.... 'लपररकातसककलय लक + भरकर




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