आलवार भक्तों का तमिल - प्रबन्धम् और हिन्दी कृष्ण काव्य | Aalawar Bhakton Ka Tamil - Prabandham Aur Hindi Krishn Kavya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
574
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्रष्पार दिवय पृष्ठ
शासक्ति के उदाहरण--भालयार मौर
हिख्दी इुप्णा-मक्त कवियों की रचमा्मों छे।
भक्ति-रस मोर भक्ति कं विषिध भाव
भक्ति रस-विवेषस-- गिविध सावब ---
दास्य साथ की मक्ति--अस्टबार भौर दिदी इृष्णा-मक्ठ
कषि---डबाहरस
सस््य भाव की भक्त ही तु ल्
बात्सल्प जाग की जक़ित $
ममुर भाव की भष्ति है] कं
दाप्ठा भवित पी
विविध दिपस
अजित में चरण दत्व---अत्यार जौर हिम्दी कृप्ण भक्त
कबि--ठुदाहरसा
अरप्पाथय्ठा मौर भमंदान् की सवतबत्सशता , का
भक्ति की सार्वअनीगता हे
भपबाज् के सासीष्य कौ कामना पा
पुर महिमा सस्तंग बैराम्प गा
४ दार्शतिक बिचार और रहत्यास्मक हृष्टिकोरप सुपए--१ह१६
शर्पनिक विचार
इृष्टिकोय--
अह्य---बाहभारों के इद्याशिवपक विचार,
मासोभ्य छिदी कष्प-मक्त कवियों के बह धम्मस्धौ
विचार, निष्कर्ष ।
लीव--भाठवारों के जीव दिपमक विचार,
आसोध्य ड्रिस्दी इ्य्प भक्त कवियों के जीव सम्बन्धी
डिचार, धाम्य और दपस्म !
अया---भाटवारों के थयत् बिपवक विचार,
साक्षोच्य हिम्दो कृष्ण झरू कवियों के जयत् सम्दत्धो
दिचार, साम्प और दंपम्य ।
माया--आत्थवारों के सामा-दिययक बिदार
छिल्दो इप्स-भक्त कवियों क॑ मामा सम्बन्धी बिबार,
तुला ।
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