आलवार भक्तों का तमिल - प्रबन्धम् और हिन्दी कृष्ण काव्य | Aalawar Bhakton Ka Tamil - Prabandham Aur Hindi Krishn Kavya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Aalawar Bhakton Ka Tamil - Prabandham Aur Hindi Krishn Kavya by मलिक मुहम्मद - Malik Muhammad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मलिक मुहम्मद - Malik Muhammad

Add Infomation AboutMalik Muhammad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(8 ) प्रष्पार दिवय पृष्ठ शासक्ति के उदाहरण--भालयार मौर हिख्दी इुप्णा-मक्त कवियों की रचमा्मों छे। भक्ति-रस मोर भक्ति कं विषिध भाव भक्ति रस-विवेषस-- गिविध सावब --- दास्य साथ की मक्ति--अस्टबार भौर दिदी इृष्णा-मक्ठ कषि---डबाहरस सस्‍्य भाव की भक्त ही तु ल्‍ बात्सल्प जाग की जक़ित $ ममुर भाव की भष्ति है] कं दाप्ठा भवित पी विविध दिपस अजित में चरण दत्व---अत्यार जौर हिम्दी कृप्ण भक्त कबि--ठुदाहरसा अरप्पाथय्ठा मौर भमंदान्‌ की सवतबत्सशता , का भक्ति की सार्वअनीगता हे भपबाज्‌ के सासीष्य कौ कामना पा पुर महिमा सस्तंग बैराम्प गा ४ दार्शतिक बिचार और रहत्यास्मक हृष्टिकोरप सुपए--१ह१६ शर्पनिक विचार इृष्टिकोय-- अह्य---बाहभारों के इद्याशिवपक विचार, मासोभ्य छिदी कष्प-मक्त कवियों के बह धम्मस्धौ विचार, निष्कर्ष । लीव--भाठवारों के जीव दिपमक विचार, आसोध्य ड्रिस्दी इ्य्प भक्त कवियों के जीव सम्बन्धी डिचार, धाम्य और दपस्म ! अया---भाटवारों के थयत्‌ बिपवक विचार, साक्षोच्य हिम्दो कृष्ण झरू कवियों के जयत्‌ सम्दत्धो दिचार, साम्प और दंपम्य । माया--आत्थवारों के सामा-दिययक बिदार छिल्दो इप्स-भक्त कवियों क॑ मामा सम्बन्धी बिबार, तुला ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now