ग्रीस का इतिहास | Grees Ka Itihas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : ग्रीस का इतिहास  - Grees Ka Itihas

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about प्यारेलाल गुप्त - Pyarelal Gupt

Add Infomation AboutPyarelal Gupt

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( २३ ) तीसरा अध्याय *' हे रुथेन्स का राज्य । श्छ पहले दम यद्द कह चुरे हैं कि,ग्रीस देश में वहुत से छोटे छोटे राज्य थे | इन राज्यों में एथेन्स और स्पादों, मुप्य, और विशेष प्रयत्न थे | एयेन्स क्रो स्थापना ऊब हुई, यंह ठीक नहीं फहा ज्ञा सकता । पहले एटिका प्रान्त के अनेक छोटे छोटे विभाग थे । प्रत्येक्ष विभाग में एक एक स्वतन्त राजा था। सच पृढिये तो ये चिभाग वहुुत द्वी छोटे, अर्थात्‌ दो दे, तीन तीन गाय मिलकर बने थे । अतएवं इन पिभागों को राज्य कहने की अपेक्षा स्थिसतें कहना ठीक होगा । इन भिन्न भिन्न रिया- स॒र्तों में सर्बदवय सडाई झगड़े हुआ करते ये। कुछ फाल के पश्चात्‌ बारह रियासतों ने एका किया, और अपना मुखिया एथेन्ख को चनाया, उस समय येह निश्चित हुआ फि, परस्पर एक दूसरे के सहायता करके सर की रक्षा की जाय। संक्राप्स झोर उसके वारद्द शहरों फे विपय में जो कथा प्रचचित है. घद् शायद इन्हीं बारह रियासतों की एकता पर से निकली है। कुछ समय के पश्चात्‌ उन घारहों स्थासतों का एक दी राज्य बन गया , और एथेन्स दसकी राजधानी हुई, तथां सब राज्यकाये वहीं से होने लगा। ५ एक दूतकथा है क्रि, थीसियल नामक राजा ने उक्त वारदद रियासतां की एकता की, और पथेन्ल शद्दर को घढाया। उसी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now