रोम का इतिहास | Rom Ka Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
380
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रोम का इतिहास १६
पॉचवाँ रामा ल्यूसियस ठार्किनियस प्रिसकस
( ११७-५७८ ३० पू० )
यह यूनान-देश के कारिथ नगर का रहने पाता था। जब
कारिथ में राज्यक्रानित हुई तव यह वहाँ से भागा ओर दाकिनी
नगर में एट्रस्कन लोगे के साथ रहने लगा। धह्ाँ पर उसे अधिक
अथवा उचित सम्मान नहीं मिला श्रतएव पद रोम चला झाया
झोर सब लोगे। पर उस ने रग जमा लिया। राम में सब लोग उसे
प्रतिष्ठा की ट्वष्टि से देखने लगे। अन्त में यह एकस मार्सियस के
लडकों का शिक्षक नियन कर दिया गया । स्वय एकस मार्सियस
भी उस से सलाद प्रछ्ा करता था ओर उस की सम्मति के अनु
सार ही काम करता था 1 जब मार्सियस मरने लगा, तब उसने
अपने पुत्रों को ब्यूसियस टार्किनियस प्रिसकस को साप दिया।
एकस मासियस की झत्यु के बाद सीनेट तथा जनता ने इसे
अपना राजा चुन लिया। यह एटस्कन पश का ही राजा कद्दलाता
धा। घह शक्तिशाली, शान्ति के समय बुद्धिमान घर युझ्धों में
पिज्य प्राप्त करने वाला राज्ञा था। इसने सेबाइन-जाति के
लेागें के हरा दिया और उनके नगर केालेशिया के जीत लिया ।
इसमे बाद इसने लेंटिन-जातियों को हरा दिया और सम्पूर्ण
लैडियम का शासन कर्त्ता घन गया । इसने घुड़दोड़ के खेल के लिए
भों प्रबन्ध किया था| यह सदा जनता की. प्रसन्न-रफ़तते का. प्रयत्न...
किया करता था । जनता के प्रप्तन्न करने के लिए धह नाटक-घरो
में खैल फरवाता था, जनता को भेज देता था आर उनकी माँग
को पूरी किया करता था। उसने राम नगर में पानी पीने के लिए
नल बनवाया भोर गंदा पानी बददने के लिए नालियाँ घनवाई 1
कु लोगो का कदना है कि ये संत नज्ञ तथा नालियां ह्रप तक
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