स्वस्थ कैसे रहें | Svasth Kaise Rahen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
244
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)235
उनके बदले नये ऊतको मा निर्माण वर सझे । इसके अलावा हमारी
चाचन प्रणाली में पायव द्रव्य (018८81६८ 10105) अनिश्चित मात्रा में
ओर सव समय नदी निकलते वल्वि' आवश्यवतानुमार हो एव नियम से
निकलते हैं। अत अत्यथिक मात्रा में विए गए भोजन वा कुछ ही हिस्म)
हजम हो पात्रा ह भौर बाकी जिजातीय द्रव्य का काय करता है जो तिपष
भा ममान दहिक प्रक्रिया व अवावश्यव मलो वे हटान म॒ बाधक हाता ह 1
पाचन प्रव्रिया को आहार की आवश्यकता ह । इसवी स्वाभाविक
सूचता क्षुधा द्वारा झात्र होती है। भूख हम बताती ह कि वितना भोजन,
हम नप्ट हुई शत्ति की पूर्ति के लिए चाहिए | हम भाजन लेन म कभी
भी नियम वे बाहर नहीं जाना चाहिए | भूस एक प्राश्तिक आवश्यकता
हैं। साने म लालुपता अपमातजनव थादत है। भूख वा हम भली भाति
धान्त करना चाहिए। 'जीन वे लिए खाओ' एसा कहन वी जगह बहुत
से व्यक्ति खाने के लिए जीओ बहते है | लेकिन जल्दी या बुछ समय
बाद में उचित भाहार बे इस प्रधान नियम वे” उललघन के अपराध का
प्रश्गति दण्ड दे दती ह। जब प्रतित्रिया होगी ता यही भनुभव हांगा वि
“जमा बोया वसा पाया ।/
आवश्यक खायय तत्व
नाधुनिक पोपण शाप्त्रियों ने हमारे खाद्य को निम्नलिखित कोटियो
में बाटा ह॑ अर्थात हमारे खाद्य के निम्नलिखित अग बताए है
1 प्रोटीन यह छारीर की टट फूट की मरम्मत करन बाला तत्व है।
2 कार्बोहाइड्रेट स्टाच शकरा आदि इसक॑ अश हैं भौर यह तत्व
इंधन का काम करता है।
3 बसा हमारा शरीर चर्वी को इधन की तरह काम म लाता है।
4 जल हमारे शरीर का दो तिहाई भाग पानी पर आशिित है।
पानी ही शरीर के तापमान को सतुलित रफ़्ता हूं।
$ विटामिन भोजन की कमी का वामारियों को दूर करने में
यह नाटकीय प्रभाव दिखाता है 1
6 खनिज लवण शरीर के स्वास्थ्य तथा खून वे दवाव मे निय
मितता रखने के लिए ये तत्व आवश्यक हू ।
इन सब पदार्थों को संतुलित मात्रा मे लेन से, शरीर म पाचन यत्रो
डरा पावन क्रिया होती है और उससे रस, रक्त मास, मज्जा, हडडी,
वीर्य ओज आदि आवश्यकतानुसार बनते हैं। भोजन से बचा हुआ फोऋ
(अनावश्यक पदाथ)यही आतो से हाता हुआ मल द्वार से पाखाना बन-
User Reviews
No Reviews | Add Yours...