षटखंडागम | Shatkhandagam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
550
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४, २; है) रे-] वैयणमद्दाढ़ियोरे वेय्णाणिक्लेवी [५
एत्थ सोम अणियोगदाराणि त्ि एद देसामासियवयणं, अण्णेत्ति पि अणियोगद्दाराणं
मुत्तजीवसमवेदादीणमुवर्भादो । एदेसु अणियोगदरिंसु पढमाणियोगद्धारपरूवणइमुत्तरसुत्त
भणदि्--
वेयणणिक्खेंवे त्ति। चउब्विहे वेयणणिक्खेंवे ॥ २ ॥
वेयणणिक्खेंव ति पुव्चुहिदवत्याहियारसभालणई भणिदमण्णहा सुद्ेण अवगमाभावादो ।
एल्थ वि पुच्वे व ओआरस्स एआरोदेसो दइव्वों | वेषणणिक्खेवे चडब्बिहे ति एदं पि
देसामासियवयण, पज्जवड्डियणए अवलंबिज्जमाणे खत्तकाला्दिवियणाणं च॒ देसणादो ।
णामवेयणा ट्रवणवेयणा दुब्बवेयणा भाववेयणा चेदिं ॥ ३ ॥
तत्य भइविहबज्शत्यागार्टंबणों' वेबणासही णामब्रेयणा । कधमप्पणों अप्याणम्दरि
यहाँ ' सोलह अज्॒थोगद्वार ! यह देशामशक घचन है, क्योंकि, मुक्त-जीव-समयेत
आदि अन्य अतुयोगद्वार भी पाये जाते है ।
अब इन अलुयोगद्वारोमेसे प्रथम अनुयोगद्वारकी प्ररुषणा करनेके लिये उत्तर
सूत्र कहते हैं-- ः
अब वेदनानिक्षिपका प्रकरण है । वेदनाका निक्षिप चार प्रकारका है ॥ २ ॥
यहां वेदनानिक्षेप ' यह पद पूर्वाहिए अर्थाधिकरका स्मरण फरानेके लिये कहा
है, अन्यथा इसका खुख्पूर्वक ज्ञान नहीं हो खकता है। यहां भी पूथ्षेके समन ' एए
छच्च समाणा ! इस खुबले ओकारके स्थावम एकारादेश समझना चाहिये । 'वेदतानिक्षेप
चार प्रकारका है! यह भी देशामर्शक वचन है, क्योंकि, पर्यायार्थिक्त तलयका अचरम्वन
करनेपर स्लेत्रवेदना व कालचेदना आदि भी देखी जाती हैं।
नामवेदना, रथापनावेदना, द्व्यवेदना और भाव॑वेदना ॥ ३ ॥
उजन्रमेसे एक जीव, भनक जीव भादि आठ प्रकारके बाह्य अथका अवरूमस्बन न
करनेवाला 'वेदता! शब्द नामबेंदना है ।
शुका--अपनी अपने आपमें प्रचुत्ति केखे हो सकती है!
१ संतपरूचणा भा १, ६. १९. ३२ प्रतिषु “ वेयणासद्दा ” इंति पाठः ।
३ प्रति “ कधमृष्पण्णो * इति पाठः |
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