मयणापरा चरिउ | Mayanapara Charioo
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
185
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यश्लोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्न साहू शान्तिग्रसादजी द्वारा
संस्थापित
भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जेन भ्रन्थमाला
शत |
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इस ग्रन्थमाछामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड, तमिलऊ आदि प्राचीन भाषाओंमें उपलब्ध
आगमिक, दाशनिक, पौराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक आदि विविध विषयक
जैन-साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूल और यथासम्भव
अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा । जैन भण्डारोंकी सूचियाँ,
शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-ग्रन्थ और
लोकह्वितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ भी इसी
ग्रन्थमालामें प्रकाशित होंगे ।
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ग्रन्थमाछा सम्पादक
डॉ. हीरालाल जन,
मृ० ए०, डी० हिट ०
नेमिनाथ उपाध्ये,
प्रकाशक
मन्जी, भारतीय ज्ञानपीठ,
दुर्गाकुण्ड रोड, वाराणसी
दुर्गाकुण्ड रोड, वाराणसी
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विक्रम क्र सं० २००० ७ पृ फरवरी सन् ३६४४
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